प्रदोष व्रत पूजा को सफल बनाने के लिए करें ये काम

Update: 2024-04-21 10:49 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : प्रदोष व्रत पूजा को सफल बनाने के लिए करें ये काम सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि भगवान शिव की साधना आराधना को समर्पित होता है इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है प्रदोष व्रत हर माह में पड़ता है जो कि शिव साधना के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है।
 इस बार रवि प्रदोष व्रत आज यानी 21 अप्रैल दिन रविवार को पड़ा है रविवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है इस दिन पूजा पाठ के दौरान ही अगर भगवान शिव की प्रिय आरती पढ़ी जाए तो इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं साथ ही साथ शिव आरती का पाठ करने से व्रत पूजा का पूर्ण फल भी मिलता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है भगवान शिव की आरती।
 यहां पढ़ें भगवान शिव की आरती—
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
 सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
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