कालाष्टमी के दिन करें ये खास उपाय, बाबा कालभैरव के आशीर्वाद से दूर होगी हर बाधा

हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी के तौर मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप बाबा कालभैरव की पूजा की जाती है.

Update: 2022-06-17 06:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी (Kalashtami) के तौर मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप बाबा कालभैरव की पूजा की जाती है. काशी में बाबा कालभैरव को कोतवाल कहा जाता है. माना जाता है कि भूत, प्रेत, पिशाच, पूतना, कोटरा और रेवती आदि भगवान विश्वनाथ के तम गण हैं. विपत्ति, रोग और मृत्यु के समस्त दूत और देवता, उनके सैनिक हैं और बाबा काल भैरव इन सभी गणों के अधिनायक है. बाबा कालभैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना जाता है. उनकी पूजा करने से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं. आषाढ़ मास का कालाष्टमी व्रत 21 जून को पड़ रहा है. अगर आप इस दिन व्रत रखें तो आपके जीवन की हर बाधा का अंत हो सकता है. अगर आप व्रत नहीं रख सकते हैं तो कालाष्टमी के दिन कुछ उपाय करके बाबा को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

कालाष्टमी के उपाय
किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए
अगर आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन भगवान कालभैरव की विशेष पूजा करें. उनके समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्रीकालभैरवाष्टकम् का पाठ करें. कालाष्टमी से शुरू करके ये उपाय रोजाना तब तक करें, जब तक आपकी मनोकामना पूरी न हो जाए.
भय दूर करने के लिए
अगर आपको बहुत ज्यादा भय लगता है और आप इसके कारण ठीक से सो भी नहीं पाते हैं तो कालाष्टमी के दिन 'आं ह्री क्रों बम् बटुकाय आपद् उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय बम् क्रों ह्रीं आं स्वाहा' और 'ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धाराणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं स्वाहा' मंत्र का जाप करें. इसके प्रभाव से बाबा कालभैरव आपको भयमुक्त बना देंगे.
आर्थिक संकट दूर करने के लिए
अगर आपके घर में आर्थिक संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है, हर काम में बाधा आ रही है तो कालाष्टमी के दिन बाबा कालभैरव को याद करके शमी का पेड़ लगाएं. इस पेड़ की पूरे मन से सेवा करें. इससे आपको कालभैरव के साथ शनिदेव का भी आशीष प्राप्त होगा. आपकी हर बाधा दूर होगी और आर्थिक संकट भी दूर हो जाएगा.
पितृदोष निवारण के लिए
अगर आपके घर में पितृदोष लगा है तो कालाष्टमी के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, अगर पवित्र नदी तक न जा सकें तो घर में ही जल में गंगा जल डालकर स्नान करें. इसके बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए, फिर बाबा कालभैरव की पूजा करनी चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृदोष का प्रभाव भी कम होता है.
वैवाहिक जीवन बेहतर बनाने के लिए
अगर आप अपने वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन शमी के पेड़ में जल दें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं. अगर आप ऐसा रोज कर सकें, तो और भी अच्छा है. इससे आपके वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं.
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