शनिवार के दिन करें ये खास उपाय, खुल जाएंगे बंद किस्मत के ताले
हिंदू पंचांग के अनुसार, सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। इसी तरह शनिवार का दिन कर्मफल दाता शनि देव को समर्पित है। इस दिन विधिवत तरीके से शनिदेव की पूजा अर्चना की जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। इसी तरह शनिवार का दिन कर्मफल दाता शनि देव को समर्पित है। इस दिन विधिवत तरीके से शनिदेव की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। इसलिए व्यक्ति को हमेशा सह कर्म रखने के साथ ह शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन भगवान शनि से संबंधित पूजा करने के साथ उपाय किया जाए, तो हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही नौकरी-बिजनेस में तरक्की मिलने के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि शनिवार के दिन कौन से उपाय करना होगा लाभकारी।
बिजनेस में बढ़ोतरी के लिए
अगर बिजनेस में लगातार घाटा हो रहा है। एक बात एक समस्या लगातार आती जा रही है, तो शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ एक माला इस मंत्र का जाप करें
मंत्र - ऊँ श्रीं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः
सफलता के लिए
अगर उन्नति में किसी न किसी तरह की अड़न आ रही है तो शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जाकर कच्चे सूत का धागा सात पर परिक्रमा करते हुए लपेट लें और शनिदेव का ध्यान करें। ऐसा करने से शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर समस्या खत्म कर देते हैं।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए
अगर वैवाहिक जीवन में किसी न किसी तरह से समस्या आती रहती हैं। थोड़ी-थोड़ी बात में पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद होता रहता है, तो शनिवार के दिन एक लोटे में जल लेकर पीपल के जड़ में अर्पित करें। इसके साथ ही काले तिल अर्पित करें।
नौकरी में पदोन्नति के लिए
अगर आप लगातार नौकर ढूंढ रहे हैं या फिर नौकरी में प्रमोशन नहीं हो रहा है को शनिवार के दिन काला कोयला लेकर आएं और इसे जल में प्रवाहित करते हुए इस मंत्र को बोले- शं शनैश्चराय नमः
सुख-समृद्धि के लिए
घर में सुख-शांति बनी रहें। इसके लिए शनिवार के दिन एक लोटे में जल लें और उसमें थोड़ी सी चीनी डाल दें। इसके बाद इस जल को पीपल के पेड़ में अर्पित कर दें। इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें- ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः।'