Ashadh Purnima ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है पंचांग के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा के अगले दिन से ही सावन महीने की शुरुआत हो जाती है और यह महीना शिव साधना को समर्पित है।
आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसी दिन महाभारत के रचयिता गुरु वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग समेत तीन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है जो इस दिन को और भी खास बना रहा है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि आषाढ़ पूर्णिमा कब मनाई जाएगी।
कब है आषाढ़ पूर्णिमा?
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 20 जुलाई को सुबह 5 बजकर 59 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो चुका है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 21 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी इसी दिन स्नान दान करना भी उत्तम रहेगा।
आषाढ़ पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान ध्यान करना उत्तम होता है और 21 जुलाई के दिन ब्रह्म महूर्त का समय सुबह 4 बजकर 13 मिनट से सुबह 4 बजकर 55 मिनट के बीच का रहेगा। इसके अलावा दान के लिए अभिजीत मुहूर्त को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट के बीच का रहेगा। वही संध्याकाल पूजा के लिए शाम 7 बजकर 24 मिनट से रात्रि 8 बजकर 35 मिनट का समय है। इस मुहूर्त में भक्त पूजा पाठ कर सकते हैं।