वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, सभी मनोकामनाए होगा पूरा
वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) इस साल 16 मई को है। मान्यता के मुताबिक वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुध का जन्म हुआ था
:जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) इस साल 16 मई को है। मान्यता के मुताबिक वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुध का जन्म हुआ था, इसलिए वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा (Buddh Purnima) के नाम से भी जाना जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन इस साल का पहला चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) भी लगने जा रहा है।
वैशाख महीने को जगत के पालनहार भगवना विष्णु का पसंदीदा महीना माना जाता है। ब्रह्मा जी ने भी वैशाख माह को सर्वोत्तम महीना कहा है। वहीं वैशाख पूर्णिमा को सभी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु, भगवान चंद्रदेव और भगवान बुद्ध की पूजा का विधान है। हिंदू धर्म में महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना गया है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के भक्त अपने आराध्य की खास तरीके से पूजा अर्चना करते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की भी पूजा आराधना की मान्यता है
वैशाख पूर्णिमा पूजा विधि
वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में या घर पर पानी में 2 बूंद गंगा जल डालकर स्नान करें। घर के मंदिर को पूरी तरह साफ करें और गंगाजल छिड़कें। सभी देवी-देवताओं का आह्वान कर प्रणाम करें। भगवान विष्णु की तस्वीर, प्रतिमा पर हल्दी से अभिषेक करें तथा उन्हें तुलसी अर्पित करें। भगवान विष्णु की हर पूजा में तुलसी को जरूर शामिल करना चाहिए। भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा और आरती करें। पूजा के दौरान भगवान विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगाएं और खुद व्रत का संकल्प लें।
वैशाख पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये काम
- वैशाख पूर्णिमा का व्रत रख रहे तो इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें या ऐसा संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें।
- स्नान करने के बाद घर के सबसे मेन गेट में हल्दी व चंदन से स्वास्तिक व ओम बना लें। इसे घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
- स्नान के बाद सूर्य के मंत्रों का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- इसके बाद घर के मंदिर या पूजा स्थल पर दीपक जलाएं।
- वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इससे हर मनोकामना पूरी होती है।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत का संकल्प लिया जाता है।
- वैशाख पूर्णिमा के दिन घर में सत्यनारायण भगवान का पाठ कराने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही दुख दरिद्र घर से दूर हो जाता है। इस दिन सत्यनारायण का पाठ करने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
- वैशाख पूर्णिमा के दिन हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन मिट्टी का दीपक हनुमान मंदिर में जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे घर में सुख शांति वा वैभव बना रहता है।
- इस दिन शाम के समय चंद्र दर्शन करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वैशाख पूर्णिमा व्रत का व्रत का महात्म्य
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र और सहपाठी सुदामा जब द्वारका में श्रीकृष्ण से मिलने आए तो भगवान ने उन्हें इस व्रत का महत्व बताया। इस व्रत के प्रभाव से ही सुदामा की दरिद्रता का नाश हो गया।
वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा 16 मई दिन सोमवार को है। वैशाख पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त रविवार 15 मई को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर सोमवार 16 मई को 9 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। 16 मई को उदया तिथि के कारण वैशाख पूर्णिमा के सभी नियम, व्रत, पूजा सोमवार को ही किए जाएंगे।