ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूजा पाठ को बेहद अहम बताया गया है मान्यता है कि देवी देवताओं की आराधना करने से मन को शांति और जीवन में सुख की प्राप्ति होती है साथ ही उनके आशीर्वाद से कष्टों में कमी आती है पूजा पाठ को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं जिनका पालन बेहद जरूरी होता है।
अधिकतर लोग भगवान की पूजा करते वक्त उन्हें भोग अर्पित करते हैं ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा देवी देवताओं को भोग लगाने का सही तरीका और उनसे जुड़ी कुछ खास जानकारी प्रदान कर रहे हैं जो आपको व्रत पूजा का पूर्ण फल प्रदान कर सकती है तो आइए जानते हैं भोग लगाने के शास्त्रीय नियम।
भोग लगाने के सही नियम—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान को भोग लगाते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। अधिकतर लोग भगवान को भोग लगाते वक्त तुलसी पत्र डाल देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि सभी देवी देवताओं को तुलसी पत्र नहीं प्रिय है। जानकारी के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी पत्र प्रिय है ठीक उसी तरह श्री गणेश और महादेव को तुलसी प्रिय नहीं है ऐसे में अगर शिव और श्री गणेश के भोग यानी प्रसाद में तुलसी डालकर अर्पित किया जाए तो सारे काम बिगड़ने लगते हैं और धन हानि भी होती है।
इसके अलावा पूजा पाठ के दौरान देवी देवताओं को भोग अर्पित करने के तुरंत बाद ही प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। बल्कि इस प्रसाद का एक हिस्सा गाय को खिलाना चाहिए उसके बाद ही प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का दोगुना फल साधक को मिलता है साथ ही भगवान का आशीर्वाद भी परिवार पर बना रहता है। भोग को कभी भी जुठा करके नहीं बनाना चाहिए और ना ही इसे चखने की गलती करनी चाहिए। बल्कि देवी देवताओं के लिए बनाया गया भोग बड़ी साफ सफाई से तैयार होना चाहिए।