भूलकर भी गिफ्ट में इन चीजों का न करें लेन-देन, घर में साथ लाती हैं दरिद्रता
त्योहारों का सीजन चल रहा है. ऐसे में उपहारों का लेन-देन होना सामान्य बात है. आप भी किसी को गिफ्ट दे रहे होंगे तो कहीं से आपको उपहार मिल रहे होंगे. कुछ उपहार शुभ माने जाते हैं,
त्योहारों का सीजन चल रहा है. ऐसे में उपहारों का लेन-देन होना सामान्य बात है. आप भी किसी को गिफ्ट दे रहे होंगे तो कहीं से आपको उपहार मिल रहे होंगे. कुछ उपहार शुभ माने जाते हैं, जिनके मिलते ही हमारा दिल खुश हो जाता है. वहीं कुछ उपहार ऐसे होते हैं, जो अपने साथ घर में नकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आते हैं. ऐसे में हमें भूलकर भी ऐसे उपहरों को स्वीकार नहीं करना चाहिए और न उन्हें अपने घर लाना चाहिए. आइए जानते हैं कि ऐसे उपहार कौन से हैं.
धारदार चीजें न लें गिफ्ट
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति आपको कैंची, छुरी, चाकू या अन्य कोई धारदार चीज उपहार में देने की कोशिश करे तो उसे विनम्रतापूर्वक ठुकरा देना चाहिए. ऐसी नुकीली चीजें घर की शांति के लिए ठीक नहीं होती है और उनके आगमन से परिवार के सदस्यों में कलह बढ़ जाती है. साथ ही आर्थिक दुश्वारियों का भी सामना करना पड़ता है.
डूबते हुए सूरज की तस्वीर
हमें कभी भी डूबते हुए सूरज की तस्वीर या प्रतिमा उपहार के रूप में स्वीकार नहीं करनी चाहिए. वास्तु शास्त्र में डूबते हुए सूरज को निराशा का प्रतीक माना गया है. अगर आप भी डूबते सूरज की तस्वीर घर में लेकर आते हैं तो आपका जीवन भी परेशानी और निराशा से भरते देर नहीं लगेगी. ऐसे में आप उस उपहार को स्वीकार न ही करें तो आपके लिए बेहतर रहेगा.
ये चीजें उपहार में लेना ठीक नहीं
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक, किसी से बेल्ट, रुमाल, घड़ी, पर्स या चमड़े की दूसरी चीजें उपहार में हासिल करना भी सही नहीं माना जाता है. मान्यता है कि ये सब चीजें परिवार के लोगों में ईर्ष्या और आपसी द्वेषभाव पैदा करती हैं. ऐसे में या तो आप इन उपहारों को स्वीकार ही न करें. अगर कोई आपको जबरदस्ती दे भी दे तो उन्हें अपने घर रखने के बजाय दूसरे लोगों को प्रदान कर दें. ऐसा करने से आपका घर नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रह पाएगा.
हिंसक जानवरों की तस्वीर से बचें
उपहार में चीता, बाघ, शेर, भेड़िया, लोमड़ी या दूसरे हिंसक जानवरों की तस्वीर या प्रतिमा लेना या देना शुभ नहीं माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसी तस्वीरें मन में हिंसा के भाव को बढ़ाती हैं, जिससे परिवार के लोगों में गुस्सा, चिड़चिड़ापन पैदा होता है और हिंसा के मामले बढ़ते हैं. इसलिए ऐसी तस्वीरों के लेन-देन से जितना बचा जाए, उतना ठीक रहता है.