शनिवार को भूल से भी न करें ये काम, शनिदेव को इस तरह करें प्रसन्‍न

शनिवार का दिन शनि देवता को समर्पित माना जाता है.

Update: 2021-08-07 03:55 GMT

शनिवार का दिन शनि देवता को समर्पित माना जाता है. इस दिन शनिदेव (Shani Dev) की पूजा-अर्चना (Worship) की जाती है. वहीं इस दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए. क्‍योंकि इनके करने से शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं. ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिनका शनिवार के दिन कोई काम नहीं बनता. अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है, तो आपको शनि को शांत और प्रसन्‍न करने के लिए कुछ विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और कुछ काम काम करने चाहिए. आप कुछ विशेष पूजन विधि से शनिदेव को प्रसन्‍न करके उनकी कृपा पा सकते हैं.

शनिवार को न करें ये काम
इन कामों से बचें
अगर शनि की विशेष कृपा पानी है, तो आपको शनिवार पर कुछ काम करने से बचना चाहिए. मान्यता है कि अगर आप इस दिन नाखून या बाल काटते हैं, तो शनिदेव आपसे रुष्ट हो सकते हैं.
दान करें
इस दिन आपको जितना हो सके, उतना दान करना चाहिए. कहते हैं कि आप मंदिर के अलावा किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भी सामान दान में दे सकते हैं.
अत्‍याचार न करें
शनिदेव को जानवरों से विशेष लगाव है. शनिदेव को खुश रखने के लिए आपको जानवरों पर अत्याचार नहीं करना चाहिए. साथ ही कुत्तों, गाय, बकरी और पशु-पक्षियों को रोटी खिलानी चाहिए.
न लाएं ये सामान
कहते हैं कि शनिवार को लोहे को घर में लाना नहीं चाहिए. अगर आप इस दिन घर में कोई लोहे का सामान लाने का मन बना रहे हैं, तो आपको इससे बचना चाहिए.
शनिवार की पूजन विधि
-शनिवार के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नान करके साफ कपड़े पहनकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें.
-इसके बाद लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं.
-काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र और तेल से पूजा करें.
-शनिदेव के ये दस नाम-कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर, पूजन के दौरान शनिदेव के इन दस नामों का उच्चारण करें.
-पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें.


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