आज गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें ये काम, नाराज हो सकते हैं गणपति

4 जनवरी को गणेश जयंती है। सनातन शास्त्रों की मानें तो भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ है। अतः हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है।

Update: 2022-06-20 08:15 GMT

4 जनवरी को गणेश जयंती है। सनातन शास्त्रों की मानें तो भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ है। अतः हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा उपासना करने का विधान है। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। हालांकि, चतुर्थी व्रत के कई कठोर नियम हैं। इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। अगर इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो गणेश जी अप्रसन्न हो जाते हैं। आइए जानते हैं-

शास्त्रों की मानें तो गणेश चतुर्थी के दिन काले और नीले रंग के कपड़े नहीं धारण करना चाहिए। ऐसा करने से गणेश जी अप्रसन्न हो जाते हैं।

चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। सनातन शास्त्र में चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन अशुभ माना जाता है। अगर ऐसा करते हैं, तो नजदीक के पंडित से संपर्क कर उसका निवारण करें।

ज्योतिषों की मानें तो गणेश चतुर्थी के दिन दो मूर्तियां घर में स्थापित न करें। अगर पहले से घर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है, तो दूसरी प्रतिमा स्थापित न करें।

शास्त्र में देवी-देवताओं को अंधेरे में दर्शन करने की मनाही है। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।

शास्त्र में गणेश जी को तुलसी दल अर्पित करने की मनाही है। अतः चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा के दौरान तुलसी दल अर्पित न करें।

अक्सर लोग घर में चूहों से परेशान रहते हैं। लोग परेशान होकर चूहों को सताने लगते हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। खासकर चतुर्थी के दिन चूहों को बिल्कुल न सताएं। ऐसा करने से गणेश जी रुष्ट हो जाते हैं। इस दिन चूहों को भोजन जरूर दें।


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