नई दिल्ली : हर महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कालाष्टमी मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक कालाष्टमी के दिन काल भैरव देव की पूजा करने से शनि और राहु के प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।
कालाष्टमी शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 30 मई को सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 31 मई को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगा। कालाष्टमी के दिन निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा की जाती है। ऐसे में 30 मई, 2024 गुरुवार के दिन मासिक कालाष्टमी व्रत किया जाएगा।
न करें ये काम
कालाष्टमी के दिन मांसाहारी भोजन और शराब आदि से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन झूठ बोलना से भी बचना चाहिए। ध्यान रखें कि इस दिन किसी व्यक्ति या पशु-पक्षियों को नुकसान नहीं पहुचाएं। न ही किसी से अपशब्द बोलें। काल भैरव के क्रोध से बचने के लिए कालाष्टमी के दिन किसी व्यक्ति का अपमान करने और झूठ आदि बोलने से बचना चाहिए। वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी के दिन नुकीली चीजों का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
ऐसे करें काल भैरव को प्रसन्न
यदि आप काल भैरव देव की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए कालाष्टमी की पूजा के दौरान उन्हें इत्र, पुष्पों की माला और चंदन आदि जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही भोग के रूप में उन्हें मिठाई अर्पित करें और काल भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही काल भैरव देव की पूजा के दौरान भैरव अष्टक का पाठ भी जरूर करें। इन प्रकार से पूजा करने से आप भैरव देव की कृपा के पात्र बन सकते हैं।