भूलकर भी इस दिन न तोड़ें बेलपत्र, जानिए शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने के नियम

सावन का पवित्र माह चल रहा है। इस मास में भगवान शिव की विधिवत तरीके से पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि भगवान को जलाभिषेक, रुद्राभिषेक के साथ कुछ चीजें चढ़ाना शुभ माना जाता है।

Update: 2022-07-22 03:56 GMT

 सावन का पवित्र माह चल रहा है। इस मास में भगवान शिव की विधिवत तरीके से पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि भगवान को जलाभिषेक, रुद्राभिषेक के साथ कुछ चीजें चढ़ाना शुभ माना जाता है। इन्हीं वस्तुओं में से एक है बेलपत्र। भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय है। इसी कारण अर्पित करने वाली वस्तुओं में सबसे ऊपर इसका स्थान है। माना जाता है कि बेलपत्र चढ़ाने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिव पुराण में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के कुछ नियम बताए गए हैं। इनका पालन करने से पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होगा। आइए जानते हैं कि बेलपत्र चढ़ाते समय किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

इस दिन न तोड़े बेलपत्र

शिव पुराण के अनुसार, बेलपत्र उस दिन नहीं तोड़ना चाहिए जिस दिन भगवान शिव को समर्पित दिन होता है। इसलिए सावन सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ने के बजाय एक दिन पहले यानी रविवार के दिन ही बेलपत्र तोड़ लें तो अच्छा है। इसके अलावा महाशिवरात्रि, हर मास की चतुर्दशी तिथि को भी बेलपत्र तोड़ने की मनाही है।

शिवलिंग पर चढ़ाएं ऐसी बेलपत्र

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 5 पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है। हालांकि इस तरह का बेलपत्र मिलना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए 3 पत्तों वाला बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं। इससे भी शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

शिवलिंग पर न चढ़ाएं ऐसा बेलपत्र

बेलपत्र चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें किसी भी तरह का दाग-धब्बे या कहीं से कटा-फटा न हो। ऐसे बेलपत्र को दोषपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि वज्र और चक्र बेलपत्र खंडित होते हैं। इन्हें बिल्कुल भी न चढ़ाएं।

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाना है शुभ

शिव पुराण के अनुसार, आपके पास जितने बेलपत्र हो उतने ही चढ़ा सकते हैं। वैसे तो शिवजी को 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन अधिक बेलपत्र हैं, तो और भी उत्तम है।


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