11 नवंबर तक इन राशियों पर देवगुरु बृहस्पति की रहेगी विशेष कृपा, करियर में तरक्की के बनेंगे योग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं

Update: 2021-09-15 05:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं। गुरु कर्क में उच्च और मीन राशि में नीच के माने जाते हैं। गुरु को भाग्य और सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। 14 सितंबर को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर मकर राशि में गुरु का राशि परिवर्तन हो चुका है। यह 21 नवंबर तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे। गुरु का राशि परिवर्तन कुछ राशियों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। जानिए-

1. मेष- गुरु राशि परिवर्तन की अवधि में आपका कोई बड़ा काम बन सकता है। कार्यस्थल पर तरक्की मिल सकती है। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी। भविष्य की योजनाओं पर बेहतर तरीके से काम करेंगे।
2. वृषभ- नौकरी पेशा वाले जातकों पर देवगुरु बृहस्पति की विशेष कृपा रहेगी। इस दौरान आपको भाग्य का साथ मिलेगा। आर्थिक स्थिति में पहले से सुधार होगा। आय के नए साधन बनेंगे। कार्यस्थल पर आपके काम की प्रशंसा होगी।
3. कर्क- गोचर काल में आपका कोई पुराना विवाद खत्म हो सकता है। कारोबारियों को मुनाफे के योग बनेंगे। व्यापार में विस्तार के लिए समय उत्तम है। नौकरी पेशा वाले जातकों की आय में वृद्धि के प्रबल योग बनेंगे।
4. कन्या- कार्यक्षेत्र में आपको सराहना मिल सकती है। निवेश में आपको लाभ के आसार रहेंगे। भवन या वाहन सुख की प्राप्ति हो सकती है। मेहनत का पूरा फल मिलेगा। परिवार के लोगों के साथ रिश्ते मधुर होंगे।
5. धनु- गुरु गोचर काल धन संचय के लिए अनुकूल है। इस दौरान आपको निवेश से लाभ मिल सकता है। व्यापारियों के लिए गोचर काल लाभकारी साबित होगा। नए काम की शुरुआत के लिए समय उत्तम है।
6. मीन- कार्यस्थल पर आपको मान-सम्मान प्राप्त हो सकता है। निवेश के लिए समय उत्तम है। धन आगमन के अवसर प्राप्त होंगे। आर्थिक स्थिति में पहले से सुधार होगा।


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