ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छिन्नमस्ता जयंती का पर्व मनाया जाता है यह तिथि माता छिन्नमस्ता को समर्पित हैं जो कि मां दुर्गा की दस महाविद्याओं में से एक हैं। इनकी आराधना व साधना करने से भक्तों के सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं और कोई बाधा भी उत्पन्न नहीं होती है।
मां छिन्नमस्ता देवी की पूजा अर्चना करने से तंत्र मंत्र की सिद्धि प्राप्त होती है। आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा छिन्नमस्ता जयंती की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं साथ ही अन्य जानकारी भी प्रदान करेंगे तो आइए जानते हैं।
छिन्नमस्ता जयंती की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार छिन्नमस्ता जयंती का पर्व 21 मई दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि देवी छिन्नमस्ता सात्विक, राजसिक और तामसिक तीनों ही गुणों का प्रतिनिधित्व करती है। इनकी पूजा आराधना सामान्य तौर पर करके मंत्रों का विधिवत जाप करें। ऐसा करने से देवी कृपा बरसती है।
अगर आप शत्रुओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में आप मां छिन्नमस्ता की साधना आराधना जरूर करें। वही न्यायिक विवादों से राहत पाने, राजकीय सहयोग, कारोबार में प्रगति और उत्तम स्वास्थ्य के लिए आप देवी छिन्नमस्ता की पूजा जरूर करें। इनकी आराधना से राहु के अशुभ प्रभावों का असर समाप्त हो जाता है विपत्तियों के समय अगर भक्त माता की आराधना करने तो कष्टों का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है साथ ही परेशानियों का निवारण भी हो जाता है।
देवी छिन्नमस्ता का मूल मंत्र—
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा॥