Chaturmas : चातुर्मास पर न करें ये काम, लगेगा भयंकर पाप

Update: 2024-06-17 10:29 GMT
Chaturmas ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में चातुर्मास को बेहद ही खास माना गया है इस दौरान पूजा पाठ, तप जप करना लाभकारी होता है लेकिन शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए ये चार महीने अशुभ माने जाते हैं मान्यता है कि इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है और समस्याओं का सामना करना पड़ता है यही वजह है ​कि साल के चार महीनों में शादी विवाह, मुंडन, छेदन और वधु विदाई जैसे कार्यों को नहीं किया जाता है इन्हीं चार महीनों को
चातुर्मास के नाम से जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है इस पर विष्णु जी की पूजा की जाती है इसी दिन से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और शिव सृष्टि का कार्य भार संभालते हैं। जिसके बाद कार्तिक मास में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जागते हैं और तभी से मांगलिक कार्यों का आरंभ हो जाता है
इस साल चातुर्मास का आरंभ देवशयनी एकादशी से हो रहा है जो कि 17 जुलाई से आरंभ होकर देवउठनी एकादशी यानी 12 नवंबर तक रहेगी। इस दौरान पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी माना जाता है लेकिन कुछ ऐसे काम भी है जो कि एकादशी पर भूलकर भी नहीं करने चाहिए तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
चातुर्मास में न करें ये काम—
चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं ऐसे में देवउठनी एकादशी तक किसी भी तरह के शुभ व मांगलिक कार्यों को भूलकर भी न करें इनका फल प्राप्त नहीं होता है और व्यक्ति के हाथ असफलता लगती है। इसके अलावा चातुर्मास के दिनों में किसी का अपमान न करें साथ ही घर आए व्यक्ति को दान जरूर दें। इस दौरान वाद विवाद या क्लेश करने से बचना चाहिए। जीवों को परेशान नहीं करना चाहिए। इन चार महीनों में झूठ बोलने से बचना चाहिए साथ ही अपशब्द भी नहीं कहने चाहिए वरना पाप लगता है।

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