आज शनिवार को इन मंत्रों का करें जाप, शनि देव की कृपा से हर कष्ट होगा दूर

आज शनिवार को शनि देव की पूजा करते हैं. शनि देव न्याय के देवता और कर्म फल प्रदान करने वाले देव हैं.

Update: 2022-05-21 01:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज शनिवार को शनि देव (Shani Dev) की पूजा करते हैं. शनि देव न्याय के देवता और कर्म फल प्रदान करने वाले देव हैं. उनकी नजरों में सभी समान हैं, उनकी कृपा जिन पर हो जाती है, वे रंक से राजा बन जाते हैं, लेकिन जिन पर उनकी कुदृष्टि पड़ जाती है, वे राजा से रंक हो जाते हैं. इस वजह से कहा गया है कि शनि देव की दृष्टि से बचकर रहना चाहिए. कहा जाता है कि उनकी पत्नी ने उन्हें श्राप दे दिया था कि उनकी दृष्टि जिस पर पड़ेगी, उसका अहित हो जाएगा. इस वजह से शनि देव की आंख में नहीं देखा जाता है. वे अपना सिर नीचे करके चलते हैं ताकि किसी निर्दोष का अहित न हो. आज शनिवार के दिन आपको शनि देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे आपके दुख, कष्ट और पीड़ा दूर होंगे. साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव कम होंगे. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं शनि देव के प्रभावशाली मंत्रों के बारे में. मंत्र जाप के बाद शनि देव की आरती अवश्य करें.

शनि देव के मंत्र
1. शनि देव का महामंत्र
ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
2. शनि गायत्री मंत्र
ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
3. शनि देव का बीज मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
4. शनि आरोग्य मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
5. शनि दोष निवारण मंत्र
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ओम शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ओम शं शनैश्चराय नमः।।
शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि…
श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि…
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि…
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि देव…
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।
शनि देव की जय…जय जय शनि देव महाराज…शनि देव की जय!!!
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