प्रदोष काल में राशि अनुसार करें इन मंत्रो का जाप, सभी दुखों से मिलेंगी मुक्ति
नई दिल्ली : हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। यह पर्व देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 05 मई यानी आज है। इस दिन प्रदोष काल में देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है। इस व्रत का पुण्य-प्रताप और फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। रवि प्रदोष व्रत करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है। कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होने से जातक को जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल होता है। साथ ही आय और आयु में वृद्धि होती है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार मंत्र जप करें।
राशि अनुसार मंत्र जप
मेष राशि के जातक मनचाहा वर पाने हेतु 'ॐ वरदाय नमः' मंत्र का जप करें।
वृषभ राशि के जातक कुंडली में शुक्र मजबूत करने हेतु 'ॐ सर्वकाराय नमः' मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि के जातक शुभ कामों में सिद्धि पाने हेतु 'ॐ सर्वांङ्गाय नमः' मंत्र का जप करें।
कर्क राशि के जातक मानसिक तनाव से निजात पाने के लिए 'ॐ सोमाय नमः' मंत्र का जप करें।
सिंह राशि के जातक आरोग्य जीवन प्राप्त करने के लिए 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जप करें।
कन्या राशि के जातक कुंडली में बुध ग्रह मजबूत करने के लिए 'ॐ योगिने नमः' मंत्र का जप करें।
तुला राशि के जातक मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु 'ॐ महाबलाय नमः' मंत्र का जप करें।
वृश्चिक राशि के जातक मंगल दोष से निजात पाने के लिए 'ॐ नीलकंठाय नमः' मंत्र का जप करें।
धनु राशि के जातक सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए 'ॐ हराय नमः' मंत्र का जप करें।
मकर राशि के जातक साढ़े साती के प्रभाव को कम करने के लिए 'ॐ वृषरूपाय नमः' मंत्र का जप करें।
कुंभ राशि के जातक अपने आराध्य देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए 'ॐ विश्वरूपाय नमः' मंत्र का जप करें।
मीन राशि के जातक कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत करने के लिए 'ॐ महेश्वराय नमः' मंत्र का जप करें।