प्रदोष काल पर करें मंत्रों का जाप, पूर्ण होगी मनोकामना

आज 24 जनवरी है और आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।

Update: 2021-02-24 01:47 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक| आज 24 जनवरी है और आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। यह व्रत बुधवार को पड़ रहा है ऐसे में इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि अगर इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव की पूजा की जाए तो व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली में बुध और चंद्रमा की स्थिति में भी सुधार आता है।

प्रदोष व्रत पर इस तरह करें पूजा:
इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो स्नानादि कर लें। प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है। क्योंकि यही प्रदोष काल कहलाता है। स्नानादि कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और उन्हें चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप, दक्षिणा और नैवेद्य चढ़ाएं। पार्वती माता को लाल चुनरी और सुहाग का सामान अर्पित करें। शिव चालीसा और आरती का भी जाप करें। साथ ही मंत्रों का भी जाप करें।
शिवजी के प्रभावशाली मंत्र:
1. ॐ नमः शिवाय।
2. नमो नीलकण्ठाय।
3. ॐ पार्वतीपतये नमः।
4. ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
5. ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
6. ऊर्ध्व भू फट्।
7. इं क्षं मं औं अं।
8. प्रौं ह्रीं ठः।
9. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
10. ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '


Tags:    

Similar News

-->