चाणक्य नीति : आचार्य चाणक्य ने संतान, माता-पिता और पत्नी को लेकर कहीं ये बहुत काम की बातें, जानें

आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में जो भी कहा है, वो आज भी लोगों का मार्गदर्शन करता है.

Update: 2022-05-21 03:32 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में जो भी कहा है, वो आज भी लोगों का मार्गदर्शन करता है. यहां जानिए उनकी कही वो बातें, जो आपको तमाम तरह के संशय की स्थिति से निकालने में मददगार साबित हो सकती हैं.

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जिस तरह दूध न देने वाली और गर्भ न धारण करने वाली गाय के होने से कोई लाभ नहीं होता, उसी तरह अगर आपकी संतान सुशील, संस्कारी और माता-पिता की सेवा न करने वाली हो, तो उसके होने का कोई लाभ नहीं होता.
जो लोग दूसरों के साथ विश्वासघात करते हैं, उन्हें कभी माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता. ऐसे लोग अगर धोखे से धन कमा भी लें, तो ​वो जल्द ही नष्ट हो जाता है. इनके अपने भी इनके दुर्गणों के कारण साथ छोड़ देते हैं.
जो मन, वचन और कर्म से समान हो, पति से बेहद प्रेम करने वाली हो और सत्य बोलने वाली हो, ऐसी पत्नी आपकी सच्ची मित्र होने के साथ श्रेष्ठ पत्नी होती है. इनका हमेशा सम्मान करना चाहिए.
वे माता-पिता बच्चों के शत्रु के समान होते हैं, जो बच्चों को शिक्षित नहीं करते, क्योंकि अनपढ़ बालक विद्वानों के बीच कभी शोभायमान नहीे होता है. उसका हमेशा तिरस्कार होता है. हंस के बीच बगुले के समान उसकी स्थिति विद्वानों के बीच होती है.
बच्चे को सिर्फ लाड़-दुलार न करें, इससे बहुत से दोष उत्पन्न हो जाते हैं. समय समय पर उन्हें दंडित करना भी जरूरी होता है, ताकि वे गलती को सुधार सकें और उनके अंदर गुणों को विकसित किया जा सके. इसलिए अपनी संतान को लाड़ प्यार देने के अलावा थोड़ी सख्ती भी बरतें.
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