Chanakya Niti : भरोसे के लायक खरा उतरे के लिए, इन 4 मापदंडों का करें पालन

आचार्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में 4 मापदंडों का जिक्र किया है. इन मापदंडों पर जो व्यक्ति खरा उतरे, वही भरोसे के लायक हो सकता है. लेकिन उन्होंने अपनी गुप्त बातों को अपने घनिष्ठ मित्र के साथ भी साझा न करने की सलाह दी है.

Update: 2021-07-24 03:42 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुछ लोगों की आदत होती है कि उनसे थोड़ा भी कोई प्यार से बात कर लें, वे उसकी बातों में आ जाते हैं और उस पर आंख बंद करके भरोसा कर लेते हैं. भरोसे के चक्कर में कई बार लोग अपनी कई गुप्त बातों को भी शेयर कर बैठते हैं. बाद में जब उन्हें धोखा मिलता है तो वे अपनी गलती के लिए पछताते हैं.

आचार्य चाणक्य का मानना था कि किसी पर भी भरोसा करने से पहले उसे परखो. परखने के लिए आचार्य ने अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में 4 मापदंडों का जिक्र किया है. इन मापदंडों पर जो व्यक्ति खरा उतरे, वही भरोसे के लायक हो सकता है. लेकिन आचार्य का कहना था कि चाहे कोई व्यक्ति आपका कितना ही घनिष्ठ मित्र क्यों न हो, अपनी गुप्त बातों को कभी उससे भी साझा न करें. आचार्य का मानना था कि अगर कभी किसी वजह से आपके संबन्ध अपने घनिष्ठ मित्र से खराब हो गए तो वो आपके रहस्यों का भरपूर फायदा उठाएगा और ऐसे में आपको बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है. यहां जानिए आचार्य के बताए वो 4 मापदंड क्या हैं.
यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य कहते हैं कि सोने को परखने के लिए सोने को रगड़ा जाता है, काट कर देखा जाता है, आग में तपाया जाता है और सोने को पीट कर देखा जाता है. तब पता चलता है कि सोना खरा है या नहीं. ठीक उसी तरह व्यक्ति को परखने के लिए 4 बातों को ध्यान रखना चाहिए.
1. किसी व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले ये देखना चाहिए कि वो दूसरों के विषय में कितना सोचता है! उसमें त्याग की भावना है या नहीं. जो व्यक्ति दूसरों को सुख पहुंचाने के लिए अपने सुख का भी त्याग करने को तैयार हो, वो किसी को नुकसान पहुंचाने से पहले कई बार सोचता है. जो व्यक्ति सिर्फ अपने बारे में सोचे, उस पर कभी भी भरोसा न करें.
2. जो लोग चरित्र के अच्छे हैं, ​कभी पराई स्त्री को आंख उठाकर भी नहीं देखते, ऐसे लोगों पर आप भरोसा कर सकते हैं. चरित्रहीन व्यक्ति किसी का सगा नहीं होता.
3. शांत स्वभाव के और सच बोलने वाले, धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोग अक्सर अच्छे होते हैं. ऐसे लोगों पर भरोसा किया जा सकता है. लेकिन जो लोग बात बात पर झूठ बोलते हैं, घमंड, स्वार्थ आदि अवगुण जिसमें भरे हुए हैं, उन पर कभी भरोसा न करें.
4. जो लोग धर्म और ईमानदारी के पथ पर चलकर धन कमाते हैं, वो लोग भी भरोसे के लायक होते हैं, लेकिन अधर्म के मार्ग पर चलने वाले, गलत ढंग से पैसा कमाने वाले लोग कभी भी भरोसेमंद साबित नहीं हो सकते.


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