Chanakya Niti : बुरे समय में बेहद काम की है ये 3 बातें, हर समस्या का होगा समाधान
आचार्य चाणक्य एक कुशल रणनीतिकार थे. उन्होंने अपनी सुझबूझ और रणनीति से चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाने में मदद की थी. उन्हें रणनीति, राजनीति और अर्थशास्त्र का कुशल ज्ञाता मानते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य एक कुशल रणनीतिकार थे. उन्होंने अपनी सुझबूझ और रणनीति से चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाने में मदद की थी. उन्हें रणनीति, राजनीति और अर्थशास्त्र का कुशल ज्ञाता मानते हैं. चाणक्य ने अपने जीवन में कई किताबों को लिखा था. चाणक्य ने कभी भी किसी परिस्थिति में हार नहीं मानी हैं.
चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को विषम परिस्थिति में अपनी शक्ति, धैर्य और बल का परिचय देना पड़ता है. आचार्य चाणक्य ने अपने सभी अनुभवों को नीतशास्त्र नाम की किताब में लिखा था. उनके मुताबिक व्यक्ति को बुरे समय से उबरने के लिए धैर्य रखना चाहिए. चाणक्य ने नीतिशास्त्र में ऐसी तीन बातों का जिक्र किया है, जिसे ध्यान में रखकर व्यक्ति बुरे समय आने पर भी सामना कर लेता है. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को बुरे समय में इन तीन बातों को कभी भी नहीं भूलना चाहिए. आइए जानते हैं संकट के समय में किन बातों को ध्यान रखना चाहिए.
बनाएं रखें धैर्य
आचार्य चणाक्य के अनुसार व्यक्ति को बुरे समय में धैर्य बनाएं रखना चाहिए. संकट के समय में ज्यादातर लोगों का मन विचलित और परेशान हो जाता है. इस मुश्किल के समय में परिवार के सदस्यों का साथ देना चाहिए. परिवार के लोगों के बुरे समय में उनके साथ खड़े रहना चाहिए. चाणक्य कहते हैं व्यक्ति धैर्य के साथ बुरे समय से जल्द से जल्द उबर सकता है.
सकारात्मक विचार को अपनाएं
अचार्य चाणक्य कहते हैं व्यक्ति को मुश्किल समय में भी सकारात्मक सोच बनाएं रखनी चाहिए. सकारात्मक सोच आपको बुरे समय से लड़ने में मदद करती है. व्यक्ति को बुरे समय में कभी नहीं सोचना चाहिए कि वो अकेला क्या कर सकता है. इस मुश्किल समय में व्यक्ति को पूरी शक्ति के साथ संकट का सामना करना चाहिए. जो व्यक्ति बुरा समय आने पर संकट से लड़ता है वह हमेशा विजय होता है.
शत्रु के खिलाफ रणनीति बनाएं
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने बुरे समय के बारे में आत्ममंथन करके रणनीति तैयार करनी चाहिए. व्यक्ति को बुरे समय को एक परिक्षा की तरह देखना चाहिए और उसमें जीतने के लिए ठोस रणनीति तैयार कर प्रहार करना चाहिए