चाणक्य नीति : ये 5 गुण जिस इंसान के अंदर होते है, दुश्मन भी करते हैं उनकी प्रशंसा
आचार्य चाणक्य का मानना था कि जीवन में सुख और दुख का आना और जाना चलता रहता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य का मानना था कि जीवन में सुख और दुख का आना और जाना चलता रहता है. जो व्यक्ति इनसे विचलित न होकर अपने सभी कर्तव्यों और दायित्वों को पूरी तरह से निभाता है, वो समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल करता है.
तमाम बाधाओं के बावजूद जो व्यक्ति पूरी लगन के साथ अपने लक्ष्य की ओर मेहनत करता है और लक्ष्य पाकर ही दम लेता है. ऐसा व्यक्ति समाज में मान और सम्मान तो पाता ही है, साथ ही दुश्मन भी उसकी पीठ पीछे तारीफ करते हैं. ऐसा व्यक्ति जीवन में खास मुकाम हासिल करता है और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता.
जो व्यक्ति कामयाब होने के बावजूद कभी सीखना नहीं छोड़ता. हमेशा ज्ञान अर्जित करने के लिए तैयार रहता है, ऐसा व्यक्ति दूसरों के लिए प्रेरणा बनता है. उस पर माता सरस्वती की कृपा हमेशा बनी रहती है.
जो लोग हालात विपरीत होने के बावजूद समय के आगे घुटने नहीं टेकते, बल्कि मुश्किल समय में अपनी ताकत को पहचान कर मेहनत करते हैं, ऐसे लोग जीवन में अपना लक्ष्य जरूर प्राप्त करते हैं और सभी की प्रशंसा के पात्र बनते हैं.