चाणक्य नीति : किसी को नहीं बतानी चाहिए पत्नी और पैसों से जुड़ी ये बातें

आचार्य चाणक्य ने नीति ग्रंथ के 7वें अध्याय के पहले ही श्लोक में स्त्री (Woman) और पैसों से जुड़ी बात कही है.

Update: 2021-09-22 01:26 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने नीति ग्रंथ के 7वें अध्याय के पहले ही श्लोक में स्त्री (Woman) और पैसों (Money) से जुड़ी बात कही है. चाणक्य के मुताबिक, कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनको गुप्त रखना या किसी को नहीं बताना ही समझदारी है. चाणक्य के मुताबिक, पत्नी और पैसों से जुड़ी कुछ बातें किसी और को नहीं बतानी चाहिए. चाणक्य ने मन की स्थिति के बारे में भी बताया है कि जब दुखी होते हैं तो किसी को बताना नहीं चाहिए. इससे आपको ही नुकसान होगा और आप ही मुश्किलों में फंस सकते हैं.

चाणक्य कहते हैं कि –
अर्थनाशं मनस्तापं गृहे दुश्चरितानि च
वञ्चनं चापमानं च मतिमान्न प्रकाशयेत
कौन सी बातें कर सकती हैं मुश्किल खड़ी
धन का नाश हो जाने पर, मन में दुखः होने पर, पत्नी के चाल-चलन का पता लगने पर, नीच व्यक्ति से कुछ घटिया बातें सुन लेने पर और स्वयं कहीं से अपमानित होने पर अपने मन की बातों को किसी को नहीं बताना चाहिए.
पैसों का नुकसान होने पर करीबी को भी न बताएं
चाणक्य के अनुसार, समझदारी किन चीजों में है. कभी व्यवसाय, नौकरी या लेन-देन में कभी पैसों का नुकसान हो जाए या कोई आपका पैसा चुरा ले तो ऐसी बात किसी को नहीं बतानी चाहिए. चाहे वो कितना भी करीबी इंसान क्यों न हो. दरअसल जब व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर होता है, तो उसके अपने भी उसका साथ नहीं देते. ऐसे में आपके पास धन का नुकसान होने की बात यदि आप किसी को बताते हैं, तो सामने वाला आपसे पीछा छुड़ाने की मदद करेगा क्योंकि उसे लगेगा कि आप उससे मदद मांगने आए हैं.
जब आप दुखी हों तो किसी को न बताएं
जब आप दुखी हों या किसी काम में मन न लगे तो ऐसी स्थिति के बारे में भी किसी को नहीं बताना चाहिए. वरना इसमें नुकसान आपका ही होगा. लोग आपके बारे में जानकर आपकी स्थितियों का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे. इसलिए अपने मन की स्थितियों को किसी के सामने उजागर नहीं करना चाहिए.
पत्नी पर शंका हो तो शेयर न करें
चाणक्य ने इसी तरह पत्नी के बारे में भी महत्वपूर्ण बात कही है कि जब किसी को अपनी पत्नी के चरित्र संबंधी किसी बात पर शंका हो या उसकी कोई आदत गलत लगे तो ये बात किसी भी इंसान से शेयर नहीं करनी चाहिए. पति या पत्नी के चरित्र संबन्धी बातें एक बार घर से बाहर निकल गईं तो स्थितियों को संभालना मुश्किल हो जाता है. समाज के बीच उठने बैठने पर अपमान महसूस होता है और कई बार व्यक्ति को दया का पात्र मानकर देखा जाता है.


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