Kalyug katha: किस श्राप की वजह से नहीं होती कलयुग में ब्रह्मा जी की पूजा? जाने पौराणिक कथा

Update: 2025-02-12 13:15 GMT
Kalyug katha ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म के अनुसार इस पूरी सृष्टि की रचना में भगवान ब्रह्मा की अहम भूमिका है। उनका नाम त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ लिया जाता है। लेकिन इसके बाद भी भगवान ब्रह्मा की पूजा कलयुग में नहीं की जाती है और दुनियाभर में सिर्फ एक ही ब्रह्मा जी का मंदिर है। ऐसे में हम आपको एक पौराणिक कथा के द्वारा बता रहे हैं कलयुग में ब्रह्मा जी क्यों पूजे नहीं जाते हैं और उन्हें किसने श्राप दिया था, तो आइए जानते हैं भगवान ब्रह्मा से जुड़ी पौराणिक कथा।
 भगवान ब्रह्मा से जुड़ी श्राप की पौराणिक कथा—
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के बीच इस बात को लेकर विवाद हुआ कि आखिर दोनों में सबसे बड़ा और शक्तिशाली कौन है. दोनों ही अपने आपको बड़ा व शक्तिशाली बता रहे थे. इस पर दोनों ही भगवान शिव के पास अपनी समस्या को लेकर पहुंचे.
 शिवजी ने बताया उपाय भगवान शिव एक ज्योतिषतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए. उन्होंने कहा कि जो भी दस ज्योतिर्लिंग का आदि या अंत सबसे पहले ढूंढ लेगा. वहीं सबसे श्रेष्ठ माना जाएगा. इस पर भगवान विष्णु ने वराह का रूप धारण किया. वहीं ब्रह्मा जी हंस का रूप धारण कर ज्योतिर्लिंग का आदि ढूंढने के प्रयास में जूट गये. उन्होंने कई दिनों तक प्रयास किया. इसके बाद भगवान विष्णु ने महादेव से आकर क्षमा मांगी और कहा कि उन्हें ज्योतिर्लिंग का अंत नहीं मिला. ब्रह्मा जी ने यहां बोला झूठ ब्रह्मा जी ​भगवान शिव के समक्ष पहुंचे और उन्होंने कहा कि उन्हें ज्योतिर्लिंग का अंत मिल गया है. भगवान शिव ने जब उन्हें कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं तो ब्रह्मा जी ने खुद को सही साबित करने के लिए केतकी के फूल को गवाह के रूप में साक्षी बनाया और झूठ बुलवाया.
इस बात से महादेव नाराज हो गये. उन्होंने ब्रह्मा को श्राप दिया कि कभी उनकी पूजा नहीं की जाएगी और न ही वह किसी यज्ञ में भाग लेंगे. इसके साथ ही भगवान शिव केतकी केक फूल को भी श्राप दिया कि उनकी पूजा अर्चना में कभी भी केतकी का फूल अर्पित नहीं किया जाएगा. यही वजह है कि उसी के बाद ब्रह्मा जी की पूजा अर्चना नहीं की जाती है. यहां है ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर हिंदू धर्म के देवी देवताओं के मंदिर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी कई जगहों पर स्थित है. यहां उनकी पूजा अर्चना की जाती है. ब्रह्मा जी को झूठ बोलने की वजह से मिले श्राप के चलते उनकी पूजा अर्चना नहीं की जाती है. उनका दुनिया भर में राजस्थान के पुष्कर में सिर्फ एक ही मंदिर स्थित है.
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