चाणक्य नीति : इन 4 चीजों में कभी न करें दिखावा, जीवन में हमेशा रहेंगे खुश और मिलेगी सफलता
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में चार चीजों को लेकर कभी कोई दिखावा न करने की सलाह दी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में चार चीजों को लेकर कभी कोई दिखावा न करने की सलाह दी है. ये चार चीजें हैं पुराने कपड़े, गरीब साथी, बूढ़े माता पिता और सादा रहन सहन. अगर आप इन चीजों में स्वाभाविक रहेंगे, तो आपके अंदर की इंसानियत हमेशा जिंदा रहेगी. यहां जानिए इन चारों चीजों के बारे में विस्तार से.
अक्सर लोग जब अपने से उच्च वर्ग के लोगों के बीच जाते हैं, तो अपने पुराने कपड़ों को लेकर हिचकिचाते हैं और शर्म महसूस करते हैं. लेकिन आपको अपनी पहचान कपड़ों से नहीं व्यक्तित्व से बनानी चाहिए. आपके कपड़ों को कोई याद नहीं रखता, लेकिन आपके व्यक्तित्व को जीवनभर याद रख सकता है. इसलिए अपने व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़िए.
आपके पास जो भी मित्र हों, वो सच्चे होने चाहिए और आपकी मुसीबत में आपके साथ खड़े होने वाले होने चाहिए. ये मायने नहीं रखता कि उनकी हैसियत क्या है. अगर आपका मित्र गरीब है तो उसके लिए कभी शर्म महसूस नहीं करें. उसका भी उतना ही सम्मान करें, जितना आप बाकी मित्रों का करते हैं. मित्र को हमेशा उसके गुणों से परखना चाहिए, हैसियत से नहीं.
अपने बूढ़े माता पिता को लेकर कभी शर्म महसूस नहीं करें. जीवन बढ़ने के साथ सबकी उम्र ढलती है और व्यक्ति बूढ़ा हो जाता है. ऐसा कभी न कभी आपके साथ भी हो सकता है. इसलिए कभी अपने बूढ़े माता पिता को दिखावे के लिए बदलने का प्रयास न करें. न ही बुढ़ापा आने पर उनके मान सम्मान में कोई कमी आने दें.
अगर किसी का रहन सहन आपकी तरह नहीं है, तो इसका मतलब ये नहीं होता कि वो व्यक्ति आपसे कम काबिल है. सिर्फ अपने झूठे मान सम्मान को बढ़ाने के चक्कर में तड़क भड़क वाले लोगों को साथ न रखें. हर इंसान का अपना रहने का तरीका होता है. आप व्यक्ति के गुण और चरित्र को देखकर उससे अपने रिश्ते बनाएं.