Chanakya Niti : पत्नी और बच्चों के सामने किन बातों को नहीं कहना चाहिए, जानिए

आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में हर एक बात का खास महत्व है, लेकिन रिश्तों के महत्व को बताने के साथ उनके व्यवहार और चरित्र से जुड़ी बातों का भी जिक्र विशेष रूप से जिक्र किया गया है.

Update: 2021-12-14 02:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।आचार्य चाणक्य को सबसे ज्यादा विद्वान माना जाता है. आचार्य जो भी बातों को कहते थे वो एक हम सटीक होती थी. उनको राजनीति से लेकर गृहस्थ जीवन तक के बारे में गूढ़ ज्ञान था . यही कारण है कि आचार्य चाणक्य ने सालों पहले वर्तमान के बारे में जिन बातों को कहा था वो आज पत्थर की लकीर साबित हो रही हैं. चाणक्य ने अपनी नीति में रिश्तों के बारे में कुछ हम बातों का भी उल्लेख किया था.

चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार बात करते समय शब्दों का चयन हमेशा ही हर किसी को बहुत सोच समझ कर करना चाहिए. शब्दों की मार बहुत गहरी चोट करती है. इसलिए जब भी हम बात करें तो अपने शब्दों को दिमाग में रखकर ही बोलें. जहां तक हो हमेशा ही शब्दों पर ध्यान देना चाहिए. पत्नी और बच्चों के सामने कभी भी गलत, अमार्यदित शब्द और आचरण प्रस्तुत नहीं करना चाहिए. इससे गरिमा को ठेस पहुंचती है और गलत संदेश जाता है. आचार्य ने बताया है कि पत्नी और बच्चों के सामने किन बातों को नहीं कहना चाहिए-
बच्चों के सामने श्रेष्ठ आचरण पेश करें
चाणक्य नीति में इस बात का उल्लेख किया गया है कि बच्चों पर माता-पिता की बोली, भाषा और आदतों का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. इसलिए हर एक माता-पिता अपने बच्चों के सामने उचित शब्दों का प्रयोग करना चाहिए. माता-पिता को कभी भी बच्चों के सामने कभी भी गलत और अमार्यदित भाषा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसका बच्चों पर बहुत ही गलत असर पड़ता है.
चुभती हुई बातें न करें
चाणक्य नीति के अनुसार हर पुरुष को अपनी पत्नी के साथ कभी ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए जिससे किसी कारण से उनके दिल को कष्ट पहुंचे. हमेशा ही अपनी पत्नी का हौंसला बढ़ाना चाहिए. उनसे कठोर और चुभने वाली बातों को नहीं कहना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो पत्नी के आत्मविश्वास में कमी आती है. इसके अलावा घर में कलह और तनाव भी बढ़ता है. जिससे घर की सुख शांत भंग होती है.
घर के माहौल को अच्छा रखें
चाणक्य नीति में बताया गया है कि अपने घर का वातावरण बेहतर रखने का प्रयास हमेशा करना चाहिए. घर का माहौल जितना अच्छा होगा तो पिर सकारात्मक ऊर्जा उतनी ही अधिक होगी. घर में अनुशासन और मर्यादा का पालन करना चाहिए. कभी भी क्रोध और अहंकार का पालन नहीं करना चाहिए. स्वभाव में विनम्रता और भाषा में मधुरता को ही अपनना चाहिए.


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