चाणक्य नीति : एक बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भी अपनी आर्थिक तंगी की चर्चा दूसरे से नहीं करनी चाहिए
आचार्य चाणक्य नीतिशास्त्र के बहुत बड़े जानकार थे. चाणक्य ने सालों पहले जो बातें कहीं थीं वो आज के समय में सत्य सी प्रतीत होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आचार्य चाणक्य नीतिशास्त्र के बहुत बड़े जानकार थे. चाणक्य ने सालों पहले जो बातें कहीं थीं वो आज के समय में सत्य सी प्रतीत होती है. सालों पहले आचार्य चाणक्य के द्वारा लिखे नीति शास्त्र आज भी लोगों को सफलता का मूल मंत्र को सिखाते और बतातें हैं. इसके साथ ही लोगों को उनका सही मार्गदर्शन भी करते हैं. चाणक्य के नीतिशास्त्र में निहित बातों को आज के जीवन में उतारना अतिआवश्यक है. उन्होंने अपने शास्त्र में रिश्ते, मित्रता, शत्रु, धन, परिवार, पत्नी, धन, व्यवसाय जैसी और कई सारी चीजों को गहनता से समझाया और इनका मूल भी बताया.
आचार्य चाणक्य ने व्यापार से लेकर पति पत्नी के निजी जीवन को लेकर बहुत ही अचूक बातें पेश की हैं. भले ही चाणक्य की नीतियां बहुत ही कठोर हैं लेकिन वो आज भी तर्कसंगत हैं और वो सत्यता का बोध कराती हैं. चाणक्य नीतियों को हमें अपने दोस्तों को चुनते समय, अपनी भावनाओं को दूसरों के साथ साझा करते समय और किसी पर अपना भरोसा रखने के दौरान हमेशा याद रखना चाहिए.
चाणक्य ने कही ये अहम बातें
-चाणक्य नीति में इस बारे में बताया गया है कि जब दो जानकार लोग आपस में बात कर रहे हों, तो किसी को बीच से नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि जब दो ज्ञानी लोग मिलते हैं,तो वो ज्ञान की कई अच्छी बातें करते हैं ऐसे किसी को बाधाओं को पैदा नहीं करना चाहिए.
-चाणक्य नीति के मुताबिक यदि ज्ञानी पुरुष किसी स्थान पर अग्नि के पास बैठा हो, तो भी कभी बीच से नहीं निकलना चाहिए, ये भी अच्छा नहीं मानते हैं.
-चाणक्य नीति के अनुसार, अगर पति-पत्नी एक साथ किसी जगह पर खड़े या फिर बैठे हों, तो भी कभी किसी को बीच में नहीं आना चाहिए क्योंकि यह अनुचित माना जाता है. ऐसा करने से पति पत्नी के उन पलों में बाधा आती है.
-चाणक्य नीति के अनुसार, एक बुद्धिमान व्यक्ति कभी भी अपनी आर्थिक तंगी की चर्चा नहीं करता. अगर आप किसी प्रकार के वित्तीय परेशानी से गुजर रहे हैं, तो इसको सबको नहीं बताना चाहिए.
-चाणक्य नीति के मुताबिक, अपनी सबसे बड़ी योजनाओं को हमेशा गुप्त रखें. सबसे सरल सुझाव यह है कि बहुत ध्यान आकर्षित किए बिना अपने कार्य को जारी रखा जाए.