Chanakya Niti : विद्या, ज्ञान और जीवन को लेकर आचार्य की कही ये बातें हमेशा ध्यान रखें
व्यक्ति कितना जीएगा, किस तरह काम करेगा, उसके पास कितना धन होगा और उसकी कब मृत्यु होगी, ये सभी बातें जन्म से पहले मां के गर्भ में ही निर्धारित हो जाती हैं. इसमें परिवर्तन संभव नहीं है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।व्यक्ति कितना जीएगा, किस तरह काम करेगा, उसके पास कितना धन होगा और उसकी कब मृत्यु होगी, ये सभी बातें जन्म से पहले मां के गर्भ में ही निर्धारित हो जाती हैं. इसमें परिवर्तन संभव नहीं है.
विद्या वो धन है जो जितना बांटा जाए, उतना बढ़ता है. लेकिन जो विद्या सिर्फ किताबों तक ही सीमित है और व्यवहारिकता से उसका कोई लेना देना नहीं है, वो विद्या व्यर्थ है. ऐसी विद्या कभी किसी के काम नहीं आती. वास्तव में व्यक्ति को किताबों को पढ़कर ज्ञान लेना चाहिए लेकिन उस ज्ञान को व्यवहारिकता में भी लाना चाहिए, तभी वो ज्ञान सार्थक होता है.
प्रतिभा और ज्ञान को बनाए रखने के लिए अभ्यास करते रहना चाहिए. अभ्यास से आपका काम और निखरता है और आप निपुणता हासिल करते हैं. लेकिन अगर आपने अभ्यास करना छोड़ दिया तो आप धीरे धीरे सब भूलने लगेंगे और आपकी सालों की विद्या का नाश हो जाएगा.
व्यक्ति चाहे कितना ही रूपवान हो, लेकिन अगर उसने विद्या प्राप्त नहीं की, तो उसकी स्थिति उसी पलाश के फूल के समान है, जो सुंदर होने के बावजूद खुशबू रहित होता है.
जिस प्रकार कोयल काली होती है, लेकिन अपनी बोली की वजह से सबको प्रिय होती है, उसी तरह व्यक्ति की वास्तविक सुंदरता उसके गुणों, ज्ञान, क्षमाशीलता और परिवार के प्रति समर्पण में छिपी होती है.