नई दिल्ली : नरसिंह द्वादशी हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु का अवतार नरसिम्हा को समर्पित है। इस माह यह तिथि 21 मार्च 2024, दिन गुरुवार यानी आज पड़ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने रौद्र रूप में अवतार लिया था, जिन्हें लोग आज नरसिंह भगवान के रूप में पूजते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जितना ही उनका स्वरूप रौद्र है वे हृदय से उतने दयालु हैं। तो आइए इस खास दिन पर उन्हें प्रसन्न करने के कुछ नियम जानते हैं।
नरसिंह द्वादशी का धार्मिक महत्व
नरसिंह द्वादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन से जुड़ी कथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। राक्षस राजा हिरण्यकश्यप से अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए भगवान नरसिम्हा ने पृथ्वी पर अवतार लिया। उस अधम राक्षस का वध करके उन्होंने पूरे संसार में फिर से शांति स्थापित की थी। साथ ही जो सत्य है उसके लिए खड़े होने का महत्व सिखाया था। ऐसा माना जाता है किनरसिंह द्वादशी वह दिन है जब भगवान नरसिम्हा का आशीर्वाद विशेष रूप से शक्तिशाली होता है।
वहीं यह भी कहा जाता है कि जो साधक उनकी पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही बुरी शक्तियों से सुरक्षा, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का वरदान मिलता है। कई जातक इस दिन कठिन उपवास का पालन भी करते हैं।
नरसिंह द्वादशी का ऐसे करें पारण
सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
अपने मंदिर व घर को साफ करें।
एक वेदी पर नरसिंह भगवान की प्रतिमा स्थापित करें।
उनका विधिपूर्वक अभिषेक करें।
गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
पीले फूलों की माला अर्पित करें।
पीले फल व मिठाई का भोग लगाएं।
उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें।
आरती से अपनी पूजा को पूर्ण करें।
अगले दिन सुबह विधि अनुसार पूजा करके प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें।