Bhanu Saptami 2024: सनातन धर्म में ‘भानु सप्तमी’ (Bhanu Saptami 2024) पर्व का बड़ा महत्व है। भगवान सूर्य को समर्पित ‘भानु सप्तमी’ का पर्व हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार सावन महीने की ‘भानु सप्तमी’ (Bhanu Saptami 2024) का पर्व आज यानी 11 अगस्त रविवार के दिन मनाई जा रही है। ज्योतिषियों के अनुसार, सनातन धर्म में सूर्य देव की उपासना प्रत्यक्ष देवता के रूप में की जाती है।
सूर्य देव न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बल्कि ज्योतिष दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति को धन आरोग्यता और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
जानिए भानु सप्तमी से जुड़ी खास बातें
अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो भानु सप्तमी पर सूर्य देव की विधि विधान से पूजा-उपासना करें। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते है-
भानु सप्तमी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 11 august को सुबह 05 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। अत: 11 अगस्त को भानु सप्तमी मनाई जाएगी।
बता दें कि भगवान सूर्य की उपासना के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सबसे उत्तम माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:22 से सुबह 05:04 मिनट तक रहेगा। यह सभी मुहूर्त पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम माने जाते हैं।
इसके साथ भानु सप्तमी के दिन द्विपुष्कर और रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन यह दोनों शुभ योग सुबह 5:45 से सुबह 5:50 के बीच रहेंगे। इस छोटी अवधि में सूर्य देव को जल प्रदान करने से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।
भानु सप्तमी की पूजा विधि
भानु सप्तमी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और सूर्य देव को प्रणाम करें। इसके बाद तांबे के लोटे में रोली, अक्षत और फूल डालकर, उसमें गंगाजल मिश्रित जल से सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करें। इसके बाद पूजा स्थल पर देवी-देवताओं की विधिवत उपासना करें और साथ ही सूर्य देव को fragrance, flower, incense, lamp इत्यादि अर्पित करें।
पूजा के दौरान भगवान सूर्य के मंत्र और स्तोत्र का पाठ करें। इस दिन पर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से भी विशेष लाभ मिलता है। पूजा के अंत में सूर्य देव की आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
भानु सप्तमी की धार्मिक महत्व
ज्योतिषियों की मानें तो, सूर्य देव की उपासना करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। कुंडली में सूर्य मजबूत होने से करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही आय, आयु, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। धर्म शास्त्रों में निहित है कि भानु सप्तमी पर सूर्य देव का प्रादुर्भाव हुआ है। अत: इस तिथि पर सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है।