हमेशा याद रखें आचार्य की ये बातें, कर सकेंगे लाइफ की हर मुश्किल का सामना
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ठोकर खाए बगैर कभी कुछ सीखते ही नहीं, वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं, जो अनुभवी लोगों के अनुभव और विद्वान लोगों के ज्ञान से सीख ले लेते हैं और उसके हिसाब से अपनी रणनीति बनाते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ठोकर खाए बगैर कभी कुछ सीखते ही नहीं, वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं, जो अनुभवी लोगों के अनुभव और विद्वान लोगों के ज्ञान से सीख ले लेते हैं और उसके हिसाब से अपनी रणनीति बनाते हैं. ऐसे लोगों की सफलता का ग्राफ तेजी से बढ़ता है. यदि आपको भी अपने जीवन की राह को आसान बनाना है और तेजी से आगे बढ़ना है, तो खुद गड्ढे में गिरने की बजाय दूसरों को देखकर जिंदगी के सबक लेना सीख लें.
इस मामले में आचार्य चाणक्य की बातें आपके बहुत काम की हो सकती हैं. आचार्य के नीति शास्त्र में लिखी हर बात उनके अनुभवों का निचोड़ है. यदि आप उन बातों का महत्व समझ गए तो जीवन में किसी भी हालात का सामना बहुत आसानी से कर सकते हैं. साथ ही अपने जीवन को भी आसान बना सकते हैं. जानिए आचार्य की कही वो बातें जो आपको जीवन में तमाम हालातों का सामना करना सिखाती हैं.
आचार्य चाणक्य द्वारा कही गईं खास बातें
1. जिस तरह एक बछड़ा हज़ारों गायों के झुंड मे अपनी मां के पीछे चलता है, उसी तरह व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलते हैं. इसलिए हमेशा वो कार्य करें जिसमें सबका भला हो.
2. एक समझदार आदमी को सारस की तरह होश से काम लेना चाहिए और जगह, वक्त और अपनी योग्यता को समझते हुए अपने कार्य को सिद्ध करना चाहिए.
3. जो मेहनती हैं वो कभी गरीब नहीं हो सकते और जो लोग हमेशा भगवान को याद करते हैं, उनसे कोई पाप नहीं हो सकता क्योंकि दिमाग से जागा हुआ व्यक्ति हमेशा निडर होता है.
4. एक राजा की ताकत उसकी शक्तिशाली भुजाओं में होती है, ब्राह्मण की ताकत उसके आध्यात्मिक ज्ञान में और एक महिला की ताकत उसकी खूबसूरती, यौवन और मधुर वाणी में होती है.
5. यदि तेजी से सफल होना चाहते हैं तो हमेशा उस काम में लगें जिसमें आप कुशल हों.
6. दौलत, दोस्त, पत्नी और राज्य दोबारा हासिल किए जा सकते हैं, लेकिन ये शरीर दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता, इसलिए जितना संभव हो, इसका सदुपयोग कीजिए.
7. जिस आदमी से हमें काम लेना है, उससे हमें वही बात करनी चाहिए जो उसे अच्छी लगे. ठीक वैसे ही, जैसे एक शिकारी हिरन का शिकार करने से पहले मधुर आवाज में गाता है.
8. वो व्यक्ति जो अपने परिवार से अति लगाव रखता है, वो भय और दुख में जीता है. सभी दुखों का मुख्य कारण लगाव ही है, इसलिए खुश रहने के लिए इस लगाव का त्याग करना जरूरी है.
9. सोने के साथ मिलकर चांदी भी सोने जैसी दिखाई पड़ती है. इसका सीधा सा मतलब है कि सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर अवश्य पड़ता है.
10. मूर्ख लोग कार्यों के मध्य कठिनाई उत्पन्न होने पर दोष ही निकाला करते हैं.