आखिर क्यों की जाती है वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा ? जानें क्या है इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
हिंदू धर्म में ऐसे कई व्रत हैं जो सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. इन्हीं में एक व्रत है सावित्री का व्रत भी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में ऐसे कई व्रत हैं जो सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. इन्हीं में एक व्रत है सावित्री का व्रत भी है. ये व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के रखा जाता है. इस साल वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) 30 मई सोमवार को रखा जाएगा. सुहागिन महिलाएं इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और वट वृक्ष या फिर कहें की बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है इस दिन व्रत रखने से सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सारे दुख दूर होता है. हिंदू धर्म में कई व्रत और त्योहार के दौरान बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. वट सावित्री व्रत के दौरान खासतौर से बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है? इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक क्या है आइए जानें.
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