आखिर किस तरह पीतल के बर्तन चमका सकते हैं आपकी किस्मत, जानें उपाय

Update: 2023-06-11 10:44 GMT
घरों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन कई तरह की धातु के बने होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा-पाठ के दौरान विशेषतौर पर पीतल के बर्तनों का ही इस्तेमाल किया जाता हैं और इसे शुभ माना जाता हैं। क्या आप जानते हैं कि आपका भाग्य भी पीतल के बर्तनों के साथ जुड़ा होता हैं जो घर में शांति स्थापित करने का काम करता हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए पीतल के बर्तनों के कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जो आपकी किस्मत चमका सकते हैं। तो आइये जानते हैं इनसे जुड़े उपायों के बारे में।
दुर्भाग्य से छुडाएं पीछा
दुर्भाग्य से मुक्ति पाने के लिए यह उपाय आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। इसके लिए सबसे पहले आप पीतल की कटोरी में दही भर दें। फिर उस कटोरी को पीपल के पेड़ के नीच रख दें। ऐसा करने से दुर्भाग्य आपका पीछा छोड़ देगा और धीरे-धीरे आपके सभी कार्य बनने लगेंगे।
धन की समस्या करें दूर
धन प्राप्ति के लिए पूर्णिमा के दिन किया गया यह उपाय आपके लिए काफी लाभकारी होगा। इस उपाय के करने से आपको रूका हुआ धन भी प्राप्त होगा। आप पूर्णिमा के दिन पीतल के कलश में शुद्ध देसी घी भर लें और उसको भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ा दें। फिर भगवान से अपनी समस्या के बारे में अवगत कराएं और फिर कलश को जरूरतमंद को दे दें। ऐसा करने से धन प्राप्ति की समस्या आपकी दूर होगी।
जगाए सोई हुई किस्मत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीतल के कलश में चना दाल भरकर भगवान विष्णु को चढ़ाएं। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और भगवान का आशीर्वाद भी मिलता है। संस्कृत में पीत का अर्थ पीला होता है और पीला भगवान विष्णु का रंग है। इस उपाय के करने से आपकी सोई हुई किस्मत भी जाग जाती है।
करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी का व्रत पूरे विधि विधान के साथ रखें और पीतल के दीपक में शुद्ध देसी घी से मां लक्ष्मी की आरती करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
भौतिक सुख-सुविधा के लिए
अपने सोए हुए भाग्य को जगाने के लिए पीतल की कटोरी में बुधवार रात को चना दाल भिगोकर रातभर अपने सिरहाने रख दें और गुरुवार सुबह दाल में गुड रखकर गाय को खिला दें। ऐसा करने से भाग्य जागृत होगा। साथ ही कुंडली में मौजूद बृहस्पति ग्रह मजबूत होगा, इससे भौतिक सुख-सुविधा में वृद्धि होगी।
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