आज हर कोई सक्सेस पाना चाहता है। कहा जाता है कि इंसान को सक्सेस दो चीजें बना सकती है, पहला कठिन परिश्रम और दूसरा किस्मत। किस्मत आपके साथ तभी होता है जब आप कोई काम शिद्दत से करते हैं। अगर आप वास्तविक जिंदगी में सफल बनना चाहते हैं तो आपको महान कूटनीतिज्ञ चाणक्य के कुछ नीतियों को फॉलो कर सकते हैं। चाणक्य एक ऐसे आचार्य और महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता और क्षमताओं के बल पर भारतीय इतिहास की धारा बदल दी।
चाणक्य मौर्य साम्राज्य में कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कुटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्व विख्यात हुए थे। इन्होंने न सिर्फ सफलता पर अपने विचार साझा किया था बल्कि बुद्धि, विद्या, वाणिज्य जैसे गंभीर विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए थे। अगर आप भी अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं और जिंदगी में कभी विफल नहीं होना चाहते हैं तो आपको चाणक्य द्वार बताए गए सूत्रों पर गौर करना चाहिए।
क्या है सफलता के लिए चाणक्य की नीति
जो समय चला गया यानी उसे याद करके पछताना व्यर्थ है। चाणक्य का मानना था कि अपने अतीत में किए गए गलतियों से सीख लें और वर्तमान मको उत्तम बनाने का प्रयास करें। इससे न सिर्फ आप चिंतामुक्त होंगे बल्कि आपका भविष्य अंधकार में न रहने के बजाए सवंर सकेगा।
कहा जाता है कि औरतों में झूठ बोलना, उतावलापन दिखाना, दुस्साहस करना, छल-कपट करना, मूर्खतापूर्ण कार्य करना, लोभ करना, अपवित्रता और निर्दयता स्वाभाविक दोष हैं। लेकिन चाणक्य उपर्युक्त दोषों को स्त्रियों का स्वाभाविक गुण मानते हैं। लेकिन वर्तमान में स्त्रियों के इन दोषों का होना सही नहीं कहा जा सकता है।
जो धन अत्यधिक कष्टों के बाद प्राप्त हो, जिसके लिए अपना धर्म त्यागना पड़े, दुश्मनों की खुशामद करनी पड़े या उनकी सत्ता के अधीन होना पड़े, ऐसे धन का कभी भी मोह नहीं करना चाहिए। उसे जितना जल्दी हो सके त्याग देना चाहिए।
किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए। मैं यह कार्य क्यों करना चाहता हूं? दूसरा जो कार्य करने जा रहा हूं उसका क्या परिणाम होगा? और तीसरा क्या इसमें मुझे सफलता मिलेगी?
सांप विषैला न भी हो तो वह फुफकारना नहीं छोड़ना। यदि वह स्वयं को विषहीन साबित कर देगा तो उसका जीवन संकट में पड़ सकता है। इसी प्रकार शक्तिहीन व्यक्ति को अपनी कमजोरी का प्रदर्शन करने से बचना चाहिए।
चाणक्य के अनुसार किसी पदार्थ की सुगंध के प्रसार के लिए हवा की आवश्यकता होती है, लेकिन व्यक्ति के गुण और योग्यता के लिए हवा की जरुरत नहीं होती। व्यक्ति के गुण सभी दिशाओं में स्वत ही फैल जाते हैं।
किसी के अधीन रहना कष्दायक है परंतु दूसरों के घर में रहना उससे भी अधिक पीड़ायुक्त है।
कमजोर व्यक्ति से दुश्मनी मोल लेना अधिक खतरनाक है। वह उस समय वार कर सकता है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
9. किसी भी पुरुष के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि उसे अपने घर में न रहकर किसी पराये घर में रहना पड़े। पराए घर में रहते हुए व्यक्ति को खुद की इच्छा से कोई भी काम करने के लिए दूसरों की अनुमति का इंतजार करना पड़ता है। गुलाम या पराए घर में रहने वाले पुरुष की स्वतंत्रता पूरी तरह छीन जाती है। गुलामी का जीवन भयंकर कष्ट देता है। ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति तन और मन से दुखी रहता है।