आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना गया हैं इनकी नीतियां देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता हैं।आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़े हर विषय पर अपनी नीतियों का निर्माण किया हैं जिसका अगर कोई व्यक्ति पालन कर ले तो उसका पूरा जीवन सरल और सहल हो जाएगा। चाणक्य ने अपनी नीतियों द्वारा कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया हैं जो केवल धरती पर बोझ होते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि ऐसे लोगों को चाणक्य ने धरती का बोझ कहा हैं तो आइए जानते हैं।
आज की चाणक्य नीति—
आचार्य चाणक्य को बुद्धिजीवी माना गया हैं उनकी नीतियां आज भी कारगर मानी जाती हैं चाणक्य ने आदर्श जीवन जीने के लिए कुछ सूत्र भी बताए हैं। उन्होंने कुछ ऐसी चीजें बताई हैं जिसके बिना मानव जीवन व्यर्थ हैं या कहे कि ऐसा व्यक्ति इस धरती पर बोझ के समान हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में शिक्षा यानी ज्ञान को बहुत ही अहम बताया हैं। चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा हर किसी के लिए जरूरी हैं शिक्षा ना होने पर व्यक्ति का जीवन व्यर्थ ऐसे में हर किसी को शिक्षा व ज्ञान प्राप्ति के मार्ग को अपनाना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान जहां भी मिले उसे प्राप्त करना ही उचित होता हैं।
चाणक्य नीति अनुसार अगर कोई मनुष्य कर्म नहीं करता है तो वह इस धरती पर बोझ के समान होता हैं ऐसे में हर किसी को कर्म करते रहना चाहिए। इसके अलावा चाणक्य कहते हैं कि जो मनुष्य समाज के लिए कोई अच्छा काम या योगदान नहीं करता हैं उसका जीवन और पशु का जीवन एक समान होता हैं। जो लोग धन दौलत आदि से मजबूत होने के बाद भी दूसरों की मदद नहीं करते हैं वे पशु समान माने जाते हैं ऐसे लोगों पर देवताओं की कृपा नहीं होती हैं। इसलिए जितना हो सकें गरीबों व जरूरतमंदों की मदद जरूर करें।