सनातन धर्म: सनातन धर्म में नक्षत्रों और ग्रहों के संयोग को बहुत महत्व दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हर ग्रह की बदलती दिशा और गोचर का असर राशियों पर पड़ता है। इस तरह 30 अक्टूबर को गुरु और राहु की युति समाप्त हो रही है।
ज्योतिषियों के मुताबिक यह संयोग 1113 साल बाद बनने जा रहा है और इसका नक्षत्रों पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। इस दुर्लभ संयोग और युति की समाप्ति का कई राशियों पर अत्यंत शुभ और अच्छा प्रभाव पड़ता है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि बृहस्पति और राहु की युति खत्म होने के बाद किन राशियों को शुभ परिणाम मिलने की संभावना है।
बृहस्पति और राहु की युति का मेष राशि पर प्रभाव – इस युति का अंत मेष राशि वालों के लिए बहुत फलदायी साबित होगा। यहां बता दें कि बृहस्पति और राहु की युति मेष राशि में थी और वहीं शनि की तीसरी दृष्टि भी है। तो जैसे ही 30 अक्टूबर को यह संयोग समाप्त होगा, मेष राशि वालों के लिए खुशखबरी का दौर शुरू हो जाएगा।
मेष राशि के जातकों को अचानक आर्थिक लाभ और सामाजिक क्षेत्र में सम्मान मिलेगा। जो लोग संतान प्राप्ति का इंतजार कर रहे हैं उन्हें संतान प्राप्ति का सुख मिलेगा और अविवाहित लोगों के विवाह का शुभ योग बन रहा है। सरकारी नौकरी के लिए प्रयासरत लोगों को नौकरी के अवसर मिलेंगे और विदेश यात्रा की भी संभावना है।
गुरु और राहु की युति का सिंह राशि पर प्रभाव – गुरु और राहु की युति समाप्त होने से सिंह राशि के जातकों पर बहुत ही शुभ प्रभाव पड़ता है। दरअसल सिंह राशि वाले लोगों की कुंडली में बृहस्पति नवम भाव में रहेगा और बृहस्पति को भाग्य का कारक कहा गया है।
तो सिंह राशि वालों को शुभ समाचार मिलेगा। विदेश यात्रा के अवसर मिलेंगे, रोजगार और व्यापार में लाभ होगा। खासकर कंपटीशन की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह अच्छा समय साबित होगा।
गुरु और राहु की युति का धनु राशि पर प्रभाव- धनु राशि के लिए भी यह समय बहुत अच्छा रहेगा। धनु राशि के जातकों को शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता मिलने की संभावना है।
इस दौरान भाग्य आपका पूरा साथ देगा और रुके हुए काम पूरे होने लगेंगे। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और शेयर बाजार में निवेश करने वालों को भारी लाभ मिलने की संभावना है।