1200 साल पुराने वाल्मिकी मंदिर का किया जाएगा नवीनीकरण, लाहौर के दो मंदिरों में ही होती है पूजा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।Lohore Pakistan Hindi Temple: पाकिस्तान में आज भी कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जो रख-रखाव के अभाव में खंडर में बदल चुके हैं. लेकिन ये मंदिर आज भी हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं. ऐसा ही एक मंदिर पाकिस्तान के लाहौर में स्थित है, जो 1200 साल पुराना है. पाकिस्तान सरकार ने इस वाल्मिकी मंदिर के जीर्णोद्वार की घोषणा की है. माना जा रहा है कि इस पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ था. आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में.
1200 साल पुराने वाल्मिकी मंदिर का किया जाएगा नवीनीकरण
पाकिस्तान के लाहौर में स्थित वाल्मिकी के नवीनीकरण की घोषणा हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने की है. बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने कई सालों से इस मंदिर पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ था. लंबी लड़ाई के बाद इसकी दिखभाल का जिम्मा एक संगठन को सौंप दिया गया है. इससे पहले वाल्मिकी समाज के लोग ही इस मंदिर में दर्शन और पूजा करने जा सकते थे.
प्रभु श्री राम के पुत्र लव ने बनाया था ये नगर
पौरणिक मान्यता के अनुसार पाकिस्तान में स्थित लाहौर नगर की स्थापना प्रभु श्री राम के पुत्र लव ने की थी. इसे पुराने पंजाब की राजधानी कहा जाता था. वहीं, इसे लवपुर के नाम से भी जाना जाता था.
लाहौर के दो मंदिरों में ही होती है पूजा
लाहौर में स्थित वाल्मिकी के मंदिर के इतिहास के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी तो नहीं है. लेकिन हां ये कहा जा सकता है कि ये मंदिर 1200 साल पुराना है. बंटवारे से पहले यहां सिख और हिंदू लोग काफी संख्या में रहा करते थे और उस समय ये आस्था का केंद्र माना जाता था. बता दें कि लाहौर में श्री कृष्ण के मंदिर के अलावा वाल्मिकी मंदिर ही है, जहां पूजा-अर्चना की जाती है.