मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां चरम पर हैं। तमाम दल और उनके नेताओं की ओर से जीत दर्ज करने के लिए तरह-तरह के दावे और वादे किए जा रहे हैं। हर कोई चुनाव जीतने के बाद की अपनी योजनाओं पर बात कर रहा है। शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अबू आजमी ने गुरुवार को आईएएनएस से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की।
सपा उम्मीदवार ने नशे के बढ़ते मामलों, महिलाओं के लिए योजनाओं और कर्नाटक सरकार द्वारा पानी के बिल पर लागू किए गए ग्रीन सेस पर अपनी राय रखी।
उन्होंने कहा कि नशा पूरे मुंबई और महाराष्ट्र में एक गंभीर समस्या बन चुका है। इसे केवल चुनावों के दौरान एक मुद्दा बना दिया जाता है। सरकार इस पर कोई ठोस नीति नहीं बना रही है।
उन्होंने सवाल किया कि अगर सिंगापुर और सऊदी अरब जैसे देशों में नशा पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है तो भारत में क्यों नहीं? इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हर थाने में विशेष समिति बनाई जाएगी। उन्होंने अभिभावकों से भी इस दिशा में अधिक ध्यान देने की अपील की।
महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा पर भी उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, जैसे महिलाओं को तीन हजार रुपये देने की योजना और महिलाओं के लिए बस का किराया मुफ्त करने की बात। लेकिन इन योजनाओं को चुनावों से पहले लागू किया जाना चाहिए था।
शिवाजी नगर क्षेत्र में एक निजी कॉलेज खोलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले कई साल से इस दिशा में कोशिश की है और अब तक एक कॉलेज स्थापित करने में वे सफल नहीं हो पाए हैं। हमारी बेटियों और बहनों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक शिक्षा का वातावरण चाहिए, जहां वे बिना किसी डर के पढ़ाई कर सकें।
कर्नाटक सरकार द्वारा पानी के बिल पर 'ग्रीन सेस' लागू करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पानी के बिल में वृद्धि का बोझ आम जनता पर न पड़े। अगर विकास के लिए कोई शुल्क बढ़ाना पड़ा तो उसे सही तरीके से लागू किया जाना चाहिए, लेकिन इससे गरीबों पर अतिरिक्त दबाव नहीं बनना चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर बड़ा दावा करते हुए उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि महा विकास आघाड़ी को महाराष्ट्र में कम से कम 175-180 सीटें मिलनी चाहिए।"
मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीएम फेस लोग तय करेंगे, जो पार्टी को ज्यादा सीटें दिलाएंगे और जो सब मिलकर तय करेंगे, वही मुख्यमंत्री बनेगा।
भ्रष्टाचार और चुनावी वादों को लेकर उन्होंने कहा कि यदि सरकार भ्रष्टाचार को रोकने में सफल होती है, तो वह महिलाओं के लिए तीन हजार रुपये की योजना पूरी तरह से लागू कर सकती है। अगर भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची रोकी जाती है, तो निश्चित रूप से सरकारी योजनाओं के लिए पैसे बचेंगे और तब हम महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों के लिए ये योजनाएं लागू कर सकते हैं।