ब्याज देने और लेने देने से बचे : सुविधा क्रेडिट सोसाइटी

Update: 2024-12-29 10:09 GMT

इंसान जब अपनी आमदनी से ज्यादा खर्चे करने लग जाता है और छोटी सी जरूरत को पूरा करने के लिए ब्याज़ पर पैसा ले लेता है और सोचता है कि इसको तो आसानी से अदा कर दूंगा, पर जिंदगी में हर वक़्त हालात एक जैसे नहीं रहते हैं, और जब हालात बिगड़ते हैं, तो इंसान फिर ब्याज़ की अदायगी नहीं कर पाता हैं, और फिर जब ब्याज पर लिए पैसे को बरवक़्त अदा नहीं कर पाने पर वह अदायगी के लिए दूसरी जगह से और ब्याज़ पर पैसा उठा लेता है और सोचता हैं कि मैं यहां से लेकर वहां अदा कर दूंगा पर इससे वह और ब्याज के दलदल में डूब जाता हैं,

लिहाज़ा ब्याज़ में पैसे के लेने देने से बचना चाहिए. ब्याज़ लेने और देने से घरों और दुकानों से बरकत उठ जाती हैं. कुरआन में "रब" का फरमान हैं: अल्लाह सूद का मठ मार देता है और ख़ैरात को बढ़ाता-चढ़ाता है, और अल्लाह किसी नाशुक्रे, बुरे अमलवाले को पसन्द नहीं करता।

( अल कुरआन, 2 : 276 )

सूद ( ब्याज़ ) से बचने के लिए और समाज को ब्याज़ मुक्त बनाने के मक़सद से हमारे रायपुर शहर के मोतीबाग चौक सालेम स्कूल के सामने "सुविधा क्रेडिट सोसाइटी" जिसका मकसद सोसाइटी के मेम्बरान को ब्याज़ के लेनदेन से बचाना ,उनको अपनी आमदनी से बचत करना और अपने रोजगार को आगे बढ़ाने में मदद करना है ।

"सुविधा" क्रेडिट सोसाइटी में बचत खाता में मेम्बरान जो जमा करते हैं उसी की बुनियाद पर लोन दिया जाता है यहाँ कोई सिबिल का स्कोर नहीं देखा जाता आम तौर पर छोटी बचत और छोटे कारोबारियों का बैंक में क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होने से CIBIL स्कोर नहीं होता या कम होता ऐसे में इन लोगो को लोन दिया जाता है और गोल्ड रखकर भी मामूली सर्विस चार्ज लेकर लोन दिया जाता है जिसे बहुत ही आसान किश्तों में अदायगी किया जा सकता है समाज के सभी लोगों से गुजारिश हैं, कि "सुविधा" के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करें और इसके सदस्य बने और समाज में जो ब्याज से पीड़ित हैं उन्हें "सुविधा" से जोड़कर उनकी मआशी हालात में तब्दीली लाने की कोशिश में मदद करें  

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