चंबा: हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से बर्फबारी और बारिश का सिलसिला जारी है। लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी ने मुश्किलें तो बढ़ाई ही है। साथ ही किसानों और बागवानों के चेहरे पर खुशी भी ला दी है।
दरअसल, चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर और पांगी घाटी में लगभग चार महीनों के अंतराल के बाद बारिश हुई है, जिससे वहां के किसानों और बागवानों ने राहत की सांस ली है। सेब व्यवसाय से जुड़े किसान आगामी फसल को लेकर काफी चिंतित थे। लेकिन बारिश और बर्फबारी से उन्हें राहत मिली है।
बागवानों को बारिश नहीं होने के कारण पौधों के सूख जाने का डर सता रहा था और इसी के चलते उन्होंने पौधों की कांट-छांट (प्रूनिंग) भी नहीं की थी।
बता दें कि चंबा जिले की भरमौर विधानसभा क्षेत्र के कबाइली इलाके पांगी घाटी, भरमौर और विश्व परिषद पर्यटक स्थल खजियार में बारिश और बर्फबारी से मौसम सुहावना हो गया है। यहां शुक्रवार रात से ही तेज बारिश के साथ बर्फबारी भी हो रही है। पांगी घाटी और इसके आसपास के इलाकों में अभी तक तीन से चार इंच तक ताजा हिमपात हो चुका है। इसके अलावा भरमौर, होली और उतराला में भी करीब 6 इंच तक बर्फबारी हुई है।
हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा के अनुसार, बीते सोमवार दोपहर के बाद से हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हुई थी, जिसमें शिमला भी शामिल है। ताजा बर्फबारी के बाद पर्यटक और बागवान खुश हैं। हालांकि, लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। बर्फबारी के कारण बिजली की 683 लाइनें बाधित हुई और चार लोगों की मौत भी हुई है।