उत्तर कोरिया की तरफ से रूस को दिए जा रहे समर्थन पर लगातार रख रहे हैं नजर: पेंटागन

Update: 2024-10-09 08:37 GMT
वाशिंगटन: पेंटागन का कहना है कि अमेरिका उत्तर कोरिया द्वारा रूस को दिए जा रहे समर्थन पर लगातार नजर रख रहा है। पिछले सप्ताह यूक्रेनी मीडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि डोनेट्स्क के निकट रूसी कब्जे वाले क्षेत्र पर यूक्रेनी मिसाइल हमले में छह उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी मीडिया की इस रिपोर्ट के बाद इन अटकलों को हवा मिली कि प्योंगयांग यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद के लिए सैनिकों को तैनात कर सकता है। इसके अलावा वह मॉस्को को हथियार, बैलिस्टिक मिसाइल और अन्य उपकरण भी भेज सकता है। पेंटागन की उप प्रवक्ता सबरीना सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में रिपोर्ट के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, "मैंने वो रिपोर्ट नहीं देखी है। इसलिए मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकती।"
सबरीना सिंह ने कहा, "हालांकि हमने निश्चित रूप से देखा है कि उत्तर कोरिया सैन्य साधनों से रूस का समर्थन करने के लिए तैयार है। यह ऐसी चीज है जिस पर हम लगातार नजर रख रहे हैं।" पेंटागन की उप प्रवक्ता ने कहा कि वाशिंगटन को इस बात की ज्यादा चिंता है कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन को युद्ध के मैदान में सफल होने के लिए क्या चाहिए।
एक अलग प्रेस ब्रीफिंग में, विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि उनके पास प्योंगयांग द्वारा यूक्रेन में अपने नियमित सैनिक भेजने की संभावना पर कोई आकलन नहीं है। इससे पहले दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने मंगलवार को कहा कि उत्तर कोरिया रूस की मदद के लिए यूक्रेन में अपने नियमित सशस्त्र बलों को तैनात कर सकता है।
रक्षा मंत्री किम ने संसदीय ऑडिट सेशन के दौरान सांसदों से कहा, "चूंकि रूस और उत्तर कोरिया ने सैन्य गठबंधन के जैसी एक पारस्परिक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, इसलिए इस तरह की तैनाती की संभावना बहुत अधिक है।"
जून में, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत सशस्त्र आक्रमण की स्थिति में एक पक्ष को दूसरे पक्ष के लिए 'बिना देरी' सैन्य सहायता प्रदान करने का वादा किया गया। इस संधि के कारण अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि प्योंगयांग यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए रूस को हथियार भेजने से भी आगे जा सकता है।
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