विनेश फोगाट का अधूरा सपना पूरा करेगी काजल, हरियाणा की छोरी ने विदेशी धरती पर बढ़ाया देश का मान

Update: 2024-08-24 09:21 GMT
नई दिल्ली: हरियाणा के पहलवान विदेशी धरती पर लगातार देश का डंका बजा रहे हैं। खासतौर पर पहलवानी में सबसे ज्यादा खिलाड़ी यहीं से ताल्लुक रखते हैं। यहां के युवा पहलवान भी विदेशी धरती पर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। हाल में जॉर्डन में आयोजित अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में सोनीपत की रहने वाली पहलवान काजल ने 69 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया। इस मौके पर उनके गांव-परिवार में खुशी का माहौल है।
काजल के चाचा कृष्ण पहलवानी करते थे। तब काजल मात्र 7 साल की थी। उन्होंने अपने चाचा को देखकर इस खेल में रुचि बनाई और उनमें पहलवानी करने का जनून आया, जिसके बाद काजल अपने चाचा से पहलवानी के गुर सीखने लग गई। अब काजल विदेशी धरती पर देश के तिरंगे का मान सम्मान बढ़ा रही है। हाल में जॉर्डन में आयोजित हुई विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने 69 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है ।
गोल्ड मेडल जीतने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। इस मौके पर जब वो गोल्ड के साथ सोनीपत पहुंचेगी, तो उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। काजल की मां बबीता का कहना है कि काजल को चूरमा पसंद है और उसे वही खिलाया जाएगा। वहीं उनके गुरु और चाचा कृष्ण का कहना है कि अब काजल को 2028 में होने वाले ओलंपिक की तैयारी करवाई जाएगी।
काजल की उम्र 17 साल है और वह कई बार भारत केसरी का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। काजल अपने इस उपलब्धि का श्रेय आपने चाचा और गुरु को दे रही है, काजल का लक्ष्य देश के लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतना है।
पहलवान कृष्ण उर्फ काजल के चाचा का कहना है कि 7 साल की उम्र से ही उसे मुझे देखते हुए पहलवानी करने का जनून चढ़ा था । जब मैंने इसमें लग्न देखी तो मैंने इस पर ध्यान देना शुरू किया।देखते ही देखते इसने कई पदक जीते और अब हमारा सपना है कि काजल देश के लिए ओलंपिक मेडल जीतकर लाए और देश का नाम रोशन करें।
काजल के परिजनों का कहना है कि ओलंपिक में विनेश फोगाट की अधूरे सपने को काजल गोल्ड मेडल जीतकर पूरा करेगी।
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