नई दिल्ली: गुरुग्राम में डॉक्टरों ने पेट में बड़े हर्निया से पीड़ित 70 वर्षीय व्यक्ति की सफलतापूर्वक सर्जरी की। मरीज को इसके साथ गंभीर हृदय संबंधी समस्याएं भी थी। मरीज घनश्याम ठाकुर को मार्च 2024 में हर्निया की शिकायत हुई। हर्निया इतना बड़ा हो गया था कि ऊपर की त्वचा में अल्सर होने लगा था, जिसके लिए तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी। हालांकि ठाकुर की गंभीर हृदय स्थिति के कारण यह सर्जरी उच्च जोखिम वाली हो गई थी। ऑपरेशन न करने से त्वचा के फटने का खतरा था।
गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल के डॉ. मृगांका शेखर शर्मा ने बताया, "ये हर्निया आम हर्निया की तरह नहीं हैं, ये बहुत बड़ा है। इनके लिए की जाने वाली सर्जरी भी अन्य हर्निया से अलग है। आंतों को पेट में वापस धकेलने से परेशानी आ सकती है, इसलिए हम एक विशेष प्रक्रिया करते हैं। जिसे ट्रांसवर्सस एब्डोमिनिस रिलीज के साथ पोस्टीरियर कंपोनेंट सेपरेशन (पीसीएस टीएआर) के नाम से जाना जाता है।''
पीसीएस टीएआर बड़े, जटिल वेंट्रल हर्निया के इलाज के लिए एक सर्जिकल तकनीक है। इसमें पेट की दीवार की परतों को अलग करना और बंद करने के लिए अधिक ऊतक बनाने के लिए ट्रांसवर्सस एब्डोमिनिस मांसपेशी को मुक्त करना शामिल है। डॉ शर्मा ने कहा, "इससे हमें हर्निया पर अलग-अलग मांसपेशियों को एक साथ खींचने की अनुमति मिलती है, जिससे एक मजबूत और बेहतर इलाज होता है। पीसीएस टीएआर को अक्सर बड़े हर्निया के लिए प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह इसके फिर से होने के जोखिम को कम करता है और पेट की दीवार की कार्यक्षमता में सुधार करता है।''
हर्निया में पेट की मांसपेशियों को ठीक तरीके से बंद करना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है, खासकर हृदय या फेफड़ों की समस्याओं वाले मरीजों में यह ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। सर्जरी के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता थी, जिसमें हृदय रोग विशेषज्ञ और एनेस्थिसियोलॉजिस्ट दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। डॉक्टरों ने कहा कि हृदय की स्थिति के कारण लंबे समय तक अस्पताल में रहने के बावजूद, ठाकुर को आसानी से छुट्टी दे दी गई।