इंफाल: मणिपुर सरकार ने रविवार को एहतियाती कदम उठाते हुए अशांत जिरीबाम जिले सहित नौ जिलों में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं का निलंबन दो दिन के लिए बढ़ा दिया।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 25 नवंबर को कांगपोकपी जिले से एक व्यक्ति के लापता होने की घटना को छोड़कर 18 नवंबर से नौ जिलों में से किसी भी जिले से किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली है, लेकिन एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं के निलंबन को दो और दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है।
गृह आयुक्त एन. अशोक कुमार ने अपने आदेश में कहा, "राज्य में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इस आशंका पर कि कुछ असामाजिक तत्व लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, अभद्र भाषा और नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है। एहतियाती उपाय के तौर पर, राज्य सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं पर अस्थायी निलंबन लगाया है।"
नौ जिलों - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी, चुराचांदपुर, जिरीबाम और फेरजावल - में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं का निलंबन 3 दिसंबर को शाम 5.15 बजे तक प्रभावी रहेगा।
गत 15 और 16 नवंबर को जिरीबाम जिले में लापता तीन बच्चों और तीन महिलाओं के शव बरामद होने के बाद, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम सहित घाटी के जिलों में 16 नवंबर से भीड़ द्वारा मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के घरों और बंगलों पर व्यापक हिंसा के बाद मुख्य सचिव विनीत जोशी ने इन जिलों में दो दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया था।
तब से पिछले 17 दिन से मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं का निलंबन समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
हालांकि, दो सप्ताह के बंद के बाद, छह जिलों में स्कूलों और विश्वविद्यालयों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में 29 नवंबर से नियमित कक्षाएं फिर से शुरू हुईं। हिंसा प्रभावित छह जिलों - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर, काकचिंग और जिरीबाम में कर्फ्यू प्रतिबंधों में भी ढील दी गई। हालांकि, जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार, किसी भी सभा या रैली के लिए अभी भी सक्षम अधिकारियों से पूर्वानुमति की आवश्यकता है।