दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा, देखें अद्भुत नजारा

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Update: 2022-10-29 05:53 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: राजस्थान के नाम आज एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा. राजस्थान के राजसमंद जिले में आज दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण होगा. राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में बनी इस शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट है. विश्व की इस सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का नाम 'विश्वास स्वरूपम' रखा गया है.
बताया जाता है कि दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के लोकार्पण के लिए 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक लोकार्पण महोत्सव का आयोजन होगा. दुनिया की इस सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के निर्माण में 10 साल का समय लगा है. ये शिव प्रतिमा संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से तैयार कराई गई है.
संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी मदन पालीवाल ने शिव प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजित कार्यक्रमों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी है. उन्होंने कहा महादेव की प्रतिमा के लोकार्पण से जुड़े इस यज्ञ में नौ दिन तक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे. संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी के मुताबिक इस दौरान मुरारी बापू की नौ दिवसीय रामकथा भी आयोजित की गई है.
संत कृपा संस्थान के ट्रस्टी ने बताया कि भगवान शिव की यह अद्भुत प्रतिमा श्रद्धालुओं के साथ ही सैलानियों के भी आकर्षण का केंद्र बनेगी और राजस्थान के पर्यटन को नया आयाम देगी. नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी 369 फीट की ऊंची यह प्रतिमा 51 बीघा जमीन में स्थापित की गई है. ध्यान मुद्रा में विराजमान शिव की ये प्रतिमा 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती है. रात के समय भी शिव प्रतिमा साफ दिखाई दे, इसके लिए खास लाइट्स से इसे सजाया गया है.
संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से आयोजित इस महोत्सव के लिए करीब डेढ़ लाख स्क्वायर फीट का पंडाल बनाया गया है. करीब दो लाख स्क्वायर फीट में भोजनशाला का पंडाल लगाया गया है. जर्मन तकनीक से इन पंडाल का निर्माण कराया गया है.
भगवान शिव की प्रतिमा के लोकार्पण के लिए आयोजित कार्यक्रम में हर रोज करीब 50 से 60 हजार श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है. इसे देखते हुए आयोजकों ने सभी तैयारियां पूरी कर लिए जाने का दावा किया है. इलाके में दिवाली सा नजारा देखने को मिल रहा है.
आयोजकों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक हर रोज एक लाख लोग प्रसाद ग्रहण करेंगे. सर्विस काउंटर तक सामग्री पहुंचाने के लिए यहां ओवरहेड कनवेयर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है जो अपने आप में अद्भुत हैं. आयोजन को लेकर लोगों में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है. इलाके के अधिकांश होटलों में सभी कमरे बुक हो चुके हैं.
भगवान शिव की 369 फीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी जहां दर्शन के लिए लिफ्ट और सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनवाए गए हैं जहां एक साथ 10 हजार लोग प्रवेश कर सकते हैं. प्रतिमा के सबसे ऊपरी हिस्से तक पहुंचने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनवाई गई हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 साल का समय लगा है. प्रतिमा के निर्माण में 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है.
प्रतिमा का निर्माण 250 साल की स्थिरता को ध्यान में रखते हए कराया गया है. 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा से भी इस प्रतिमा को किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचेगी. इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है. बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग के बाद कॉपर कलर किया गया है.
प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधा और मनोरंजन के लिए बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है. यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आएंगे. साथ ही फूडकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग,एडवेंचर पार्क, जंगल कैफे का निर्माण भी किया गया है जहां पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकेंगे.
शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट और साउंड के थ्री डी उपयोग के जरिए शिव स्तुति का प्रसारण होगा. पर्यटकों के लिए यह बहुत ही आकर्षण का केंद्र होगा. विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा के निर्माण में सुरक्षा मानकों का भी पूरा ध्यान रखा गया है. फायर सेफ्टी के साथ ही पानी के टैंक बनाए गए हैं. पर्यटकों के लिए गोल्फ की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है. सुरक्षा के लिहाज से भी परिसर में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे.
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