रेल मंत्रालय : हरित रेलवे मिशन बनाने के लिए काम जारी, 2030 तक कार्बन उत्सर्जन शून्य करने का लक्ष्य

रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि वह दुनिया का सबसे बड़ा हरित रेलवे बनाने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है

Update: 2021-06-04 16:47 GMT

रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि वह दुनिया का सबसे बड़ा हरित रेलवे बनाने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है ताकि 2030 से पहले रेलवे से कार्बन उत्सर्जन शून्य हो जाए. विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर एक बयान में रेलवे ने कहा कि नेटवर्क के विद्युतीकरण का काम जिससे प्रदूषण कम होता है और जो पर्यावरण अनुकूल भी है, उसे 2014 के बाद से करीब दस गुना किया गया है. इसमें बताया गया, ''भारतीय रेलवे विश्व का सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने के लिए एक मिशन की तरह काम कर रहा है और 2030 से पहले 'शून्य कार्बन उत्सर्जक' बनने की दिशा में बढ़ रहा है.''

बयान में कहा गया कि विशेष मालवाहक गलियारों का विकास दीर्घकालिक कम कार्बन उत्सर्जन की योजना के साथ हरित परिवहन नेटवर्क की तरह किया गया है. भारतीय रेलवे में हरित पहलों की खातिर रेलवे ने जुलाई 2016 में भारतीय उद्योग परिसंघ के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.
अभी रिटायरिग रूम और वेटिग हॉल में सोलर लाइट
अभी जहां एकाध भवन को ही सोलर प्लेट के माध्यम से सौर ऊर्जा से आच्छादित किया गया था वहीं, अब संपूर्ण रेलवे स्टेशन परिसर को ऊर्जा से आच्छादित किए जाने की योजना है. रिटायरिग रूम, रनिग रूम, वेटिग हॉल आदि जगहों में पूर्व से ही सौर ऊर्जा से ही विद्युत आपूर्ति प्रकाश आदि की व्यवस्था की जा रही है. पूरी तरह से सौर ऊर्जा से आच्छादित किए जाने के बाद बिजली और डीजल की खपत भी कम होगी. रेल मंत्रालय ने भी वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे को पूरी तरह हरित ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों पर निर्भरता बढ़ाने तथा शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की रणनीति का हिस्सा है.


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