सिद्धू को नहीं बनने दूंगा सीएम, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कही ये बात

Update: 2021-09-18 13:33 GMT

पंजाब में लंबे समय तक चले सियासी घमासान के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder) ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद (Punjab CM Resign) से इस्तीफा दे दिया. कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू समेत कई अन्य नेताओं के साथ भी खटास बनी हुई थी, जिसके बाद आज शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. इसी बैठक से ठीक पहले कैप्टन ने अपने मंत्रिमंडल के साथ त्यागपत्र दे दिया. पंजाब सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर का अगला कदम क्या होने वाला है, इसकी उन्होंने जानकारी दी.

ANI से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ''मैं यह नहीं कह सकता हूं कि कांग्रेस में रह पाना मुश्किल होगा या नहीं. मैं अपनी पूरी जिंदगी के 52 साल पंजाब और पंजाब के लोगों के लिए दिए हैं और इसके लिए काफी खुशी भी है.'' कैप्टन की बीजेपी से नजदीकियों और अलग पार्टी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी इस्तीफा दिए हुए एक घंटा ही हुआ है. मुझे कुछ समय चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, 'मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि राजनीति में हमेशा ही विकल्प होता है. मैं अपने साथियों के साथ बात करूंगा और फिर देखूंगा. सबसे बात करके ही आगे का फैसला लूंगा.' और ना ही सिद्धू को सीएम बनने दूंगा। 

उन्होंने कहा, ''मैंने अपनी पूरी ड्यूटी निभाई है और वह ऐसे बनाते हैं कि यह पूरा नहीं किया, वह वादा पूरा नहीं किया. यह सबकुछ झूठ है. तथ्य यह है कि मेनिफेस्टो के 92% वादे पूरे हो चुके हैं और बाकी के आने वाले तीन-चार महीनों में होने थे. अभी तक सिर्फ चंद्रबाबू नायडू के समय में 83% हुआ था. मैंने मेनिफेस्टो के अलावा भी कई बातें पूरी की थीं. कल ही मैंने पूरे पंजाब में हेल्थ इंश्योरेंस की स्कीम पूरी कर दी. कोई भी गरीब बड़े से बड़े अस्पताल तक पांच लाख रुपये के इलाज के लिए जा सकता है. मैंने सबकुछ किया है.''

'राजीव गांधी मेरे बहुत अच्छे दोस्त रहे'

वहीं, गांधी परिवार से करीबी होने के सवाल पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं इस पर जवाब नहीं दे सकता हूं. उन्होंने कहा, ''राजीव गांधी मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे और एक साल मेरे से छोटे थे. मैं सोनिया गांधी और बच्चों को जानता हूं. सभी ने मुझे पूरी तरह से रिस्पेक्ट दी है.'' कैप्टन ने दावा किया कि हमारे मेनिफेस्टो में 430 प्वाइंट्स हैं और उसमें से सिर्फ 18 प्वाइंट्स ही छूटे हैं और बाकी सब हो चुके हैं. इसके बारे में मैंने सोनिया गांधी जी को भी जानकारी दी थी, लेकिन फिर भी लगातार मीडिया में यह बात उठाई जाती रही.


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