अलग खबर! जब सीएम ने नए DSP से भराया शपथ पत्र, लिखवाया- शादी में अगर एक रूपया भी...

Update: 2021-10-07 03:29 GMT

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) दहेज प्रथा (Dowry System) के खिलाफ कितने सख्त हैं, इसकी एक झलक बुधवार को देखने को मिली. बिहार पुलिस (Bihar Police) को पिछले दिनों 40 नए पुलिस उपाधीक्षक (DySP) मिले हैं. बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित 64वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में चयनित इन 40 डीएसपी के प्रमाण पत्र की जांच के बाद इनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं. सरकार ने सभी पुरुष और महिला डीएसपी को एक शपथ पत्र भरने को कहा है जिसमें उन्हें यह अनिवार्य रूप से भरना होगा कि वो न तो एक रूपया दहेज लेंगे, और न ही एक रुपया दहेज देंगे. इस शपथ पत्र में साफ-साफ लिखा गया है कि अगर दहेज से संबंधित कोई भी आरोप लगते हैं तो बिहार सरकार को आपको नौकरी से बर्खास्त करने का पूरा अधिकार होगा. इन 40 डीएसपी में से 13 महिला हैं.

बता दें कि बुधवार को गृह विभाग की आरक्षी शाखा ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. गृह विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र, चल-अचल संपत्ति की विवरणी, पासपोर्ट साइज की दो तस्वीरों के साथ दहेज नहीं लेने और देने संबंधी घोषणा पत्र अनिवार्य रूप से भरना होगा.
बिहार सरकार के दहेज संबंधी घोषणा पत्र में साफ लिखा गया है कि अगर आपके खिलाफ दहेज संबंधी कोई भी शिकायत विभाग या न्यायालय में दर्ज कराई जाती है तो नियुक्ति समाप्त करने का बिहार सरकार को पूर्ण अधिकार होगा. इसलिए अगर इन डीएसपी की नियुक्ति के बाद दहेज संबंधी किसी भी तरह की शिकायत की जांच की जाएगी और दोषी करार दिए जाने पर नौकरी समाप्त कर दिया जाएगा.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक गृह विभाग के इस आदेश में कहा गया है कि सभी अभ्यर्थियों को योगदान देने के समय डॉक्टर द्वारा निर्गत मेडिकल सर्टिफिकेट, चल और अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा और पासपोर्ट साइज का लेटेस्ट फोटो देना होगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि वो सभी लोग अपनी या बेटा या बेटी की शादी में दहेज नहीं लेने और न ही देने संबंधी घोषणा पत्र भी सरकार को देंगे.
गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार दहेज को लेकर काफी सख्ती बरतते हैं. यह सरकारी कामकाज में भी दिखता है. नीतीश कुमार शराबबंदी अभियान के बाद दहेज प्रथा के खिलाफ भी विशेष अभियान चला रखा है. उन्होंने बिहार में दहेज प्रथा को रोकने के लिए कई कड़े फैसले लिए हैं. वो अक्सर कहते रहते हैं कि दहेज एवं बाल विवाह एक बड़ी सामाजिक कुरीति है, जिसे जड़ से मिटाना जरूरी है.


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