पर्यटन नगरी कसौली में गहराने लगा पानी का संकट

Update: 2024-05-06 12:00 GMT
कसौली। जिला सोलन सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसौली पेयजल संकट शुरू हो गया है। आलम यह है कि लोगों को तीसरे दिन पानी मिल रहा है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही पर्यटकों की संख्या में भारी मात्रा में इजाफा हो जाता है। यहां रहने वाले लोगों का मुख्य व्यवसाय होटलों के कारोबार से चलता है। पर्यटन स्थल कसौली में पेयजल आपूर्ति और साफ सफाई जिम्मेदारी छावनी बोर्ड कसौली की है। छावनी बोर्ड कसौली के पास अपनी कोई पेयजल योजना उपलब्ध नहीं है। छावनी बोर्ड आर्मी इंजीनियर सर्विस(एमईएस) विभाग से पेयजल खरीद करके छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सप्लाई करता है। छावनी क्षेत्र में पर्यटकों के लिए बने सार्वजनिक शौचालयों में पानी उपलब्ध न होने से गंदगी का आल बना बना हुआ है। बदबू के चलते सुलभ शौचालय में जाना परेशानी का सबब बन गया है। लोगों को मजबूरन पिंजौर, कालका, हरियाणा से पानी के टैंकर खरीद कर मंगवाने पड़ रहे है।

प्रतिदिन हजारों की संख्या में आने वाले पर्यटकों को भी पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। जब इस संबंध में छावनी बोर्ड प्रसाशन अधिकारियों ने कहा कि जितना पानी एमईएस से मिल रहा है उसे ही सप्लाई कर रहा है। सप्लाई की कमी होने की बजह से पेयजल आपूर्ति बाधित हो रही है । हालांकि हिमाचल सरकार द्वारा कसौली के लिए 103 करोड़ रुपये की गिरी नदी से पेयजल योजना निर्माण जलशक्ति विभाग के माध्यम से करवा रही है, लेकिन धीमी गति से चल रहे कार्य से ऐसा लगता है कि इस वर्ष के अंत तक भी गिरी से पेयजल आपूर्ति नहीं हो सकती। जलशक्ति विभाग के सहायक अभियंता उदय भानु ने बताया कि कसौली में गिरी पेयजल योजना का कार्य प्रगति से करवाया जा रहा है। वर्ष के आखिरी महीनें तक पेयजल आापूर्ति की पूरी संभावना है। लेकिन कसौली में पेयजल को लेकर लोगों में हाहाकार मचा हुआ है लोगों ने उपायुक्त सोलन से कसौली में दो महीनें के लिए पानी के टैंकरों से पेयजल उपलब्ध करवाने की मांग उठाई है।
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