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Update: 2022-08-05 12:34 GMT

कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूल सेवा आयोग नियुक्ति घोटाले में धन शोधन की जांच के संबंध में शुक्रवार को यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की 14 दिन की न्यायिक हिरासत का अनुरोध किया। ED के वकील ने मामले में नए खुलासे को लेकर जेल में दोनों आरोपियों से पूछताछ करने के लिए अदालत की अनुमति के लिए भी आग्रह किया। धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत विशेष अदालत के न्यायाधीश जिबोन कुमार साधु ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

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चटर्जी और मुखर्जी 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अवैध नियुक्तियों में शामिल कथित धनशोधन की जांच के संबंध में ईडी की हिरासत में हैं। चटर्जी की जमानत के लिए अनुरोध करते हुए उनके वकील ने कहा कि अब वह एक सामान्य व्यक्ति हैं और फरार नहीं होंगे। चटर्जी के वकील ने कहा, ''वह अब प्रभावशाली व्यक्ति नहीं हैं और अपनी विधायकी छोड़ने पर भी विचार करने को तैयार हैं।''

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चटर्जी को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। ईडी ने दावा किया कि चटर्जी की हिरासत में 15 दिनों में से कम से कम दो दिन यहां के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती होने के कारण बर्बाद हो गए।

चटर्जी को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर चिकित्सीय जांच के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर भेजा गया था और वहां के चिकित्सकों ने कहा था कि उन्हें तत्काल भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है। ईडी ने दावा किया है कि उसने मुखर्जी के फ्लैट से 49.8 करोड़ रुपये नकदी, भारी मात्रा में आभूषण और सोना की छड़ों के साथ संपत्तियों और दोनों आरोपियों के संयुक्त स्वामित्व वाली एक कंपनी के दस्तावेज बरामद किए हैं।

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