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Update: 2022-07-27 12:33 GMT

 महासमुंद। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 25 जुलाई से 31 जुलाई 2022 तक देश के प्रत्येक जिले में उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य, पावर @2047 कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत जिला मुख्यालय महासमुंद के शंकराचार्य भवन में 29 जुलाई को ''उज्ज्वल भारत-उज्ज्वल भविष्य पावर @2047'' कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव एवं विधायक महासमुंद श्री विनोद चंद्राकर होंगे। संसदीय सचिव एवं खल्लारी विधायक श्री द्वारिकाधीश यादव कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री चुन्नीलाल साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री यतेंन्द्र साहू, नगर पालिका अध्यक्ष श्री कृष्णा चंद्राकर एवं कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष श्री हीरा बंजारे शामिल होंगे।

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हर साल की तरह इस साल भी अगस्त माह का पहला सप्ताह 'विश्व स्तनपान सप्ताह' के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में प्रसूता एवं शिशुवती महिलाओं के बीच स्तनपान को बढ़ावा देने, शिशुओं एवं नन्हें बच्चों को बीमारी और कुपोषण से बचाने और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से एक से 7 अगस्त तक जन जागरूकता के कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वस्थ्य शिशु का चयन उनकी माताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 की थीम- ' स्तनपान शिक्षा और सहायता के लिए कदम बढ़ाएं' (Step up for Breastfeeding Education and Support) है। प्रदेश में वर्ष 2015-16 के मुकाबले वर्ष 2020-21 में ''स्तनपान की प्रारंभिक शुरुआत'' (Early Initiation of Breastfeeding) दर में गिरावट आई है, जिसे बढ़ाने हेतु टैगलाईन 'येे मौका छूटे ना' अंतर्गत अभियान चलाया जायेगा। वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य प्रसूता एवं शिशुवती महिलाओं के बीच स्तनपान के लिए जागरूकता बढ़ाना है, क्योंकि यह बच्चों के साथ साथ माताओं के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।

बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य हेतु स्तनपान की जिम्मेदारी माता के साथ साथ परिवार एवं मुख्य रूप से पिता की भी होती है। पिता द्वारा बच्चे की माता की देखभाल करना, माता को बच्चे के साथ अधिक समय व्यतीत करने व उचित तरीके से स्तनपान कराने हेतु प्रोत्साहित करना आदि तरीके से महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जाता है।

सप्ताह के दौरान स्तनपान का महत्व लोगों तक पहुंचाने के लिए जिला, विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर कार्यशाला, प्रदर्शनी, फिल्म शो, परिचर्चा जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ जनप्रतिनिधि सहित महिला समूह और अधिक से अधिक महिलाओं को शामिल किया जाएगा। आंगनबाड़ी और ग्राम स्तर पर नारे लेखन, वॉल रायटिंग, पोस्टर-बैनर के माध्यम से स्तनपान से संबंधित महत्वपूर्ण संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा और जनजागरूकता के लिए छोटे समूहों में प्रश्नोत्तरी का अयोजन होगा। इस दौरान एक वर्ष से छोटे शिशुओं के पोषण स्तर का आंकलन किया जाएगा और टीके लगाए जाएंगे। गृहभेंट कर माताओं को स्तनपान, शिशुओें के उचित पोषण, समुचित देखभाल और स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी दी जाएगी।

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